200 करोड़ जमा फिर भी राशन को तरस रहे गरीब
पटना : भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) से निकला गरीबों को मिलने वाला खाद्यान्न रास्ते में ही कहीं गुम हो गया है। चार माह पहले निकला खाद्यान्न दस किमी की दूरी भी तय नहीं कर सकी है। नतीजा यह हो रहा है कि सूबे के 45 हजार पीडीएस दुकानों में अनाज नहीं पहुंच सका है। इस कारण कई गरीबों के घर के चूल्हे नहीं जल रहे हैं। एक ओर राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर चुकी है और दूसरी ओर जरूरतमंदों को अनाज नहीं दे पा रही है। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई अथवा लोकायुक्त से कराने की मांग जोर पकड़ने लगी है।इस संबंध में फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के संगठन मंत्री दशरथ पासवान व शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि सूबे के 45 हजार पीडीएस दुकानदार पिछले चार माह से लगभग 200 करोड़ रुपये राज्य के खाजाने में जमा कर खाद्यान्न मिलने का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय खाद्य निगम नवंबर से मार्च तक के लिए 71 हजार 511 मि. टन गेहूं एवं 1 लाख 57 हजार मि. टन चावल का आवंटन कर चुकी है। जानकारी के अनुसार राज्य खाद्य निगम ने इसका उठाव भी कर लिया है। लेकिन जब डीलर्स राशन लेने जाते हैं तो उन्हें राशन नहीं है कहकर टाल दिया जाता है। फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि 200 करोड़ की राशि सूद समेत वापस किया जाए।