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फर्जी इंस्टीच्यूट का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 11:49 AM (IST)
फर्जी इंस्टीच्यूट का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

पटना : राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने एक्जीबिशन रोड के कुमार कॉमर्शियल कांप्लेक्स स्थित पाटलिपुत्र इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलोजी नाम से चल रहे फर्जी संस्थान का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से संचालक मनीष कुमार (लेमुआबाद, पंडारक) व सह संचालक मुन्ना कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से कई विश्वविद्यालयों द्वारा जारी विभिन्न कोर्सो के जाली प्रमाण पत्र बरामद किए गए। पूछताछ में मनीष ने बताया कि वह चिंटू रविदास के इशारे पर छात्रों से एमबीए और तकनीकी कोर्स कराने के नाम पर पैसे ऐंठता था। पुलिस चिंटू की तलाश में छापेमारी कर रही है।

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सीनियर एसपी मनु महाराज के जनता दरबार में एक छात्र ने लिखित शिकायत की थी कि कुमार कांप्लेक्स में पाटलिपुत्र इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलोजी नाम से एक संस्था का संचालन किया जा रहा है। इस संस्था ने कई छात्रों से विभिन्न तकनीकी कोर्स कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल की है। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) बीके चौधरी के नेतृत्व में गांधी मैदान थानाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा व विशेष सेल की टीम गठित की गई। इसके बाद टीम ने घेराबंदी कर मनीष और मुन्ना को दबोच लिया। गिरोह के दूसरे सदस्यों के लिए छापेमारी जारी है।

ऐसे करते हैं ठगी

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि इंस्टीच्यूट के संचालक किसी भी कोर्स में नामांकन के लिए पांच से दस हजार रुपए लेते हैं। इसके बाद उन्हें परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र दिया जाता है। इसके एवज में वे फिर से पांच से दस हजार रुपए वसूलते हैं। परीक्षा उनके इंस्टीच्यूट में ली जाती है। परिणाम के लिए अभ्यर्थियों को ई-मेल देखने को कहा जाता है। लेकिन, लंबे समय के इंतजार के बावजूद ई-मेल पर न तो उनका रॉल नंबर दर्शाता है और न ही परिणाम। इंस्टीच्यूट संचालक पेरियार यूनिवर्सिटी चेन्नई, कर्नाटक ओपेन यूनिवर्सिटी, मैसूर, विनायका मिशन यूनिवर्सिटी आदि डिमड विश्वविद्यालयों से डिग्री दिलाने का दावा करते हैं।

करोड़ों की ठगी कर चुके हैं

शिकायतकर्ता के मुताबिक मनीष और मुन्ना ने सैकड़ों छात्रों से करोड़ों की ठगी की है। अभ्यर्थी जब रिजल्ट के लिए दवाब बनाने लगे तब मनीष ने संस्था के कार्यालय में ताला जड़ दिया और मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया। आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा कर काफी धन कमाया है।


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