क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ाने वाला है रेल बजट : नीतीश
जागरण ब्यूरो, पटना
रेल बजट की तीखी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ाएगा। उनके अनुसार बिहार सहित सभी पिछड़े राज्यों को नजरअंदाज किया गया है। सूबे की लंबित परियोजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पिछले दरवाजे से किराया बढ़ाकर रेल मंत्री ने लोगों की आंखों में धूल झोंका है। रेलवे का पतन दरअसल यूपीए-1 से ही आरंभ हो गया था।
कुमार ने कहा कि जनवरी में किराया बढ़ा दिया, और अब कहते हैं नहीं बढ़ाया है। पिछले दिनों मैं बिहार की दो परियोजनाओं-दीघा एवं मुंगेर रेल पुल, के सिलसिले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से मिला था। बजट में इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। रेल मंत्री पूरक बजट की बात कर रहे हैं। यह तो तब होता है जब राशि खर्च हो जाती है। यह सरप्लस बजट नहीं, बल्कि वित्ताीय कुप्रबंधन की निशानी है। रेलवे सेफ्टी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चाहे नई रेल लाइन बिछाने की बात हो या अन्य काम, रेलवे के टारगेट को ही घटा दिया गया है। बंसल ने परंपरा को तोड़ते हुए बिना वित्ता आयोग एवं योजना आयोग की स्वीकृति के नई योजनाओं की घोषणा की है। यह गलत परिपाटी की शुरुआत है। कई योजनाओं को पीपीपी मोड में शुरू करने का एलान किया है। हम भी रेल मंत्री थे। पैसा नहीं रहने पर राशि का इंतजाम करते थे। अब तो केंद्र सरकार ने रेलवे का ग्रास बजट सपोर्ट भी बढ़ा दिया है। मनरेगा से रेलवे के कार्य भी कराने की घोषणा व्यवहारिक नहीं है। इसके कार्यान्वयन में बहुत दिक्कत आएगी।
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