इतिहास दोहराने की राह पर बिहार : अमर्त्य सेन
पटना: बिहार एक बार फिर गौरवशाली बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्राचीन नालंदा व विक्रमशिला विश्वविद्यालय को फिर से शुरू करना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सोमवार को ये बातें नोबेल पुरस्कार प्राप्त अर्थशास्त्री प्रो.अमर्त्य सेन ने राजधानी के आद्री परिसर में आयोजित एक समारोह में कहीं।
प्रो.सेन ने डा.शैबाल गुप्ता एवं डा.सुनीता लाल द्वारा संपादित पुस्तक 'राज्य का पुनरुत्थान : बिहार का एक वृतांत' का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर श्री सेन ने कहा कि बिहार पुनरुत्थान की दिशा में बढ़ रहा है। इसके विकास से देश के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा के साथ-साथ विक्रमशिला विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। गणितज्ञ आर्यभट्ट की कर्मस्थली रह है पाटलिपुत्र।
बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, शिक्षा मंत्री पीके शाही, लार्ड मेघनाथ देसाई, डा.शैबाल गुप्ता सहित कई लोगों ने इसमें भाग लिया।
डा.सुनीता लाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले चार वर्षो के शासन काल का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। इसमें प्रदेश से जुड़े कई लेखों को शामिल किया गया है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सांसद एनके सिंह ने कहा कि पापिया घोष की याद में पुस्तक का लोकार्पण उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। अतिथियों का स्वागत आद्री के निदेशक प्रो.पीपी घोष ने किया।
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