सरकारी खजाने में खनन माफिया लगा रहें सेंध
थाना क्षेत्र के उग्रवाद प्रभावित इलाका सवैयाटांड़ पंचायत में चार दर्जन से अधिक अवैध अभ्रक खदान संचालित किए जा रहे हैं।
नवादा। थाना क्षेत्र के उग्रवाद प्रभावित इलाका सवैयाटांड़ पंचायत में चार दर्जन से अधिक अवैध अभ्रक खदान संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन ऐसे तत्वों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। जिससे अभ्रक माफिया का मनोबल बढ़ा हुआ है और बेरोकटोक अभ्रक का खनन किया जा रहा है। इससे एक तरफ सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर अभ्रक माफिया की चांदी कट रही है।
प्रशासन की ओर से अनदेखी : लोगों का मानना है कि संबंधित विभागों के पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को चूना लगाया जा रहा है। हद तो यह है कि अवैध खदानों में मजदूरों की मौत के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है। किसी प्रकार की अप्रिय वारदात होने के बाद पुलिस काफी विलंब से वहां पहुंचती है। तबतक माफिया पीड़ित परिजनों को मोटी रकम व धमकी देकर मुंह बंद करा चुके होते हैं।
दबंगों के डर से लोग नहीं खोलते मुंह : खनन के दौरान किसी भी तरह के अनहोनी होने पर पीड़ित परिजन दबंग माफिया के भय से चुप रहना ही मुनासिब समझते हैं। सूत्र कहते हैं कि इसमें भी पुलिस-प्रशासन को मैनेज किया जाता है और मोटी रकम देकर मामले को रफा-दफा करा लिया जाता है।
पचास से अधिक अवैध खदान संचालित : सवैयाटांड पंचायत में छोटे-बड़े करीब 50 अवैध खदान संचालित किया जा रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन करते हैं। जिससे उनका खजाना दिन दूनी-रात चौगुनी के हिसाब से बढ़ रहा है। बताया जाता है कि इस पंचायत में जितने भी माइका माइंस हैं, उनके लाइसेंस 2009 में ही समाप्त हो गए थे। बावजूद अभी तक खनन कार्य जारी है। लगातार मजदूरों की हो रही मौत के बाद भी अवैध खनन पर विराम नहीं लग पा रहा है। इन खदानों में अप्रिय वारदात होना पुलिस प्रशासन के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित होता है।