वारिसलीगंज रैक प्वाइंट पर सुविधाएं नदारद
केजी रेलखंड के अति व्यस्त वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन को यात्री किराया से ज्यादा मुनाफा र
नवादा। केजी रेलखंड के अति व्यस्त वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन को यात्री किराया से ज्यादा मुनाफा रेलवे रैक प्वाइंट से होता है। बावजूद विभाग द्वारा रैक प्वाइंट पर व्यापारिक सुविधाओं का टोटा है। न पीने का पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली, शेड और शौचालय बनाया गया है। फलस्वरूप बरसात के दिन अगर कोई रैक लगाता है तो व्यापारियों का माल बर्बाद होता है। आकाश में बादल देख व्यापारियों का दिल तबतक दहलता रहता है जबतक कि उनका माल संबंधित गोदामों तक नहीं पहुंच जाए।
भारतीय रेल को वारिसलीगंज रेलवे रैक प्वाइंट से प्रतिमाह करोड़ की कमाई होती है, लेकिन सुविधा देने में विभाग पीछे है। रैक पर पानी, बिजली, शौचालय तथा शेड की आवश्यकता है। लेकिन जब भी कोई वरीय रेल अधिकारी वारिसलीगंज आते हैं तो स्थानीय समस्याओं की जानकारी का आवेदन लेते तो जरूर हैं परन्तु समस्या का निराकरण की दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किया जाता है। इस रैक प्वाइंट पर प्रति माह कम से कम 12 से 15 हाफ और फुल रैक लगता है। बताया गया कि एक फुल रैक से रेलवे को करीब 20 लाख का राजस्व मिलता है। फिर भी व्यापारियों को अनाज, सीमेंट और उवर्रक आदि खुले में रखने की विवशता होती है।
सुविधा नहीं होने से मजदूर होते हैं परेशान
रेलवे रैंक प्वाइंट पर कार्य करने वाले मजदूरों को गर्मी के दिनों में काफी परेशानी होती है। अगर प्यास बुझानी हो तो पास के होटलों में जाना पड़ता है, और शौच के लिए खुले में जाने की विवशता होती है। मजदूर कहते हैं कि सरकार खुले में शौच मुक्त की बात कहती है और रेलवे शौचालय नहीं बनाकर मजदूरों को परेशान करती है।
व्यवसायियों की परेशानी
रैक लगने के नौ घंटे के भीतर व्यापारियों को रैक खाली करवाना होता है। अन्यथा पेनाल्टी देना पड़ता है। व्यवसायी संघ के सचिव पवन बंका ने बताया कि कई बार रैंक प्वाइंट की समस्याओं का आवेदन जीएम और डीआरएम को दिया गया है, लेकिन आज तक समस्या मुंह बाए ज्यों कि त्यों पड़ी है। इस संबंध में स्टेशन प्रबंधक भागवत रविदास कहते हैं कि रैक प्वाइंट की समस्या वरीय अधिकारियों के संज्ञान में है। जिसे दूर करने की कवायद हो रही है।
कहां-कहां से आता है माल
केजी रेल खंड पर अवस्थित वारिसलीगंज के रेलवे रैक प्वाइंट पर फरक्का, दुर्गापुर, सतना, ¨सदरी, मैहर, रीवा, राजगंज, बोकरो, पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी आदि से अनाज, सीमेंट और उर्वरक आदि आता है। जिसे नवादा सहित नालंदा, जमुई, शेखपुरा, गया आदि जिलों को सड़क मार्ग से भेजा जाता है।