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खुलेंगे साइबर क्राइम व सोशल मीडिया यूनिट

जिले में बढ़ते साइबर व सोशल मीडिया क्राइम को रोकने के लिये जल्द ही अलग से यूनिट की स्थापना की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 03:04 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 03:04 AM (IST)
खुलेंगे साइबर क्राइम व सोशल मीडिया यूनिट
खुलेंगे साइबर क्राइम व सोशल मीडिया यूनिट

नवादा। जिले में बढ़ते साइबर व सोशल मीडिया क्राइम को रोकने के लिये जल्द ही अलग से यूनिट की स्थापना की जाएगी। इसमें तकनीकी रूप से सक्षम पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही आधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया जाएगा। इनमें मोबाइल फॉरेंसिक सॉफ्टवेयर व राइट ब्लॉकर जैसे उपकरण लगाए जाएंगे। राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृती प्रदान कर दी है। जल्द ही कार्य आरंभ होने की संभावना है।

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इनाम राशि का झांसा देकर करते हैं फ्रॉड

-जिले के मोबाइल उपभोक्ताओं के पास आए दिन इनाम राशि का झांसा देने वाले फ्रॉड कॉल लोगों के पास आते रहते हैं। उसमें कहा जाता है कि आपके नाम से लॉटरी निकली है। आप दिए गए अकाउंट नंबर में निबंधन शुल्क के रूप में इतनी राशि जमा करेंगे तो आपको दस लाख रुपये नकद या फिर इस कीमत की गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। कई भोले भाले लोग उनके बिछाए जाल में फंस जाते हैं और राशि जमा कर देते हैं। बाद में उन्हें न तो राशि मिलती है न ही गाड़ी। और वे अपने आपको ठगा महसूस करते हैं। फिर वे पुलिस की शरण में पहुंच जाते हैं।

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चेहरा पहचानो-इनाम पाओ

- जिले में चेहरा पहचानो-इनाम पाओ गिरोह इन दिनों सक्रिय है। ऐसे गिरोह के सदस्य करोड़ों का चुना आम लोगों को लगा चुके हैं। सक्रिय गिरोह द्वारा पुलिस को सूचना देने पर जान माल नुकसान की भी धमकी दी जाती है।

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सोशल मीडिया पर भी अपराधी सक्रिय

- इन दिनों सोशल मीडिया पर भी अपराधी सक्रिय हैं। हाल में जिले में रामनवमी या इसके पूर्व हुई कई वारदातों को बढ़ाने में उन्होंने प्रमुख भूमिका का निर्वाह किया है। अफवाह फैलाने, कई लोगों पर गलत टीका टिप्पणी करने, अश्लील फोटो डालने जैसे वारदात सामने आ रही है।

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विशेषज्ञों ने माना है सुरक्षित

-तकनीकी युग व बदलते परिवेश में काम में तीव्रता लाने के लिए डिजिटल सिग्नेचर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। किसी भी हैकर के लिए इसे तोड़ना मुश्किल है, इसलिए यह अति सुरक्षित है। इ-मेल व इ-कॉर्स के जमाने में इसके इस्तेमाल से लोगों का काम कम समय में ही पूरा हो जाएगा। फाइलों पर दस्तखत करने लिए भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। हालांकि यह आजीवन नहीं होता बल्कि दो-तीन वर्ष पर यह समाप्त हो जाता है।

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कहते हैं अधिकारी

- साइबर क्राइम यूनिट खोलने की स्वीकृती सरकार ने दे दी है। जल्द ही मशीन प्राप्त होते ही इसका शुभारंभ कराया जाएगा।

विकास वर्मन,आरक्षी अधीक्षक,नवादा।


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