रेलवे अस्पताल में न दवा न डाक्टर होते हैं उपलब्ध
नवादा। रेलवे अस्पताल नवादा में चिकित्सक व दवा के अभाव में रेलवे कर्मचारियों का समुचित इलाज नही
नवादा। रेलवे अस्पताल नवादा में चिकित्सक व दवा के अभाव में रेलवे कर्मचारियों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों को इलाज हेतु प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है। यह हाल तब है जब विभाग ने किऊल-गया रेलखंड पर एक अस्पताल खोल रखा है। अस्पताल में सुविधा नहीं रहने के कारण इस रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में यात्रा करने वालों यात्रियों तथा कर्मचारियों के बीमार होने की स्थिति में बहार के अस्पताल में कराना पड़ता है। लेकिन विभाग द्वारा अस्पताल में दवा व चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं की गई है। बता दें कि 13 सितंबर को 53626 डाउन गया-किउल पैसेंजर ट्रेन पर शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया था। इस घटना क्रम में ट्रेन के चालक कौलेश्वर चौधरी जख्मी हो गये थे। उनका इलाज रेल अस्पताल की बजाय सदर अस्पताल में कराया गया। इसके कारण नवादा स्टेशन पर ट्रेन घंटों खड़ी रही।
चिकित्सक का है अभाव
-रेलवे अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक पदस्थापित हैं। जिनकी बहाली फरवरी 2016 में अनुबंध के आधार पर की गई थी। इधर अस्पताल में पदस्थापित डा. एपी सिन्हा को रेलवे अस्पताल नवादा व बख्तियारपुर रेलवे अस्पताल दोनों के प्रभारी बना दिया गया है। इससे वे दोंनों अस्पतालों को अपना समय नहीं दे पाते। वहीं अस्पताल में चिकित्सक के अलावा 1 फार्मासिस्ट, 2 हेल्थ अटेंडेंट व 2 सफाई कर्मी पदस्थापित हैं।
दवा की है कमी
-अस्पताल में चिकित्सक के साथ-साथ दवा की कमी है। रेलवे कर्मियों के मुताबिक अस्पताल में मात्र दर्द व बुखार की दवा उपलब्ध है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को हमेशा बाहर से दवा खरीदना पड़ता है।
क्या कहते हैं रेलवे कर्मी
अस्पताल में चिकित्सक कभी नहीं रहते हैं। दवा भी नहीं मिलता है। इलाज के लिए प्राइवेट क्लीनिक जाना पड़ता है।
पप्पू कुमार, ट्रैक मैन, नवादा। फोटो-07
-अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं है। तबीयत खराब होने पर इलाज हेतु अपने व परिवार के सदस्य को बाहर ले जाना पड़ता है।
शंकर कुमार, ट्रैक मैन, नवादा। फोटो-08
-इस अस्पताल में केवल दर्द व बुखार की दवा उपलब्ध है। अस्पताल में डाक्टर नहीं रहते हैं। विभाग द्वारा इलाज की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
अजय कुमार, ट्रैक मैन, नवादा। फोटो-09
अस्पताल में चिकित्सक व दवा की कमी है। इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। कर्मचारियों को इलाज के लिए मजबूरन प्राइवेट क्लीनिक जाना पड़ता है। अस्पताल में इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए।
सकलदेव यादव, की मैन, नवादा। फोटो-10
क्या कहते हैं पदाधिकारी
-अस्पताल में चिकित्सक व दवा की कमी है। इसके कारण कर्मचारियों को इलाज कराने में परेशानी होती है। अस्पताल में चिकित्सक व इलाज की समुचित व्यवस्था करने को लेकर विभाग के उच्च पदाधिकारी को हमेशा सूचना दिया जा रहा है। अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था बहुत जल्द हो जाएगी।
आईडी चौधरी, स्टेशन प्रबंधक, नवादा।