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आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाकर लोग रह सकते हैं निरोग

नवादा। आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाकर लोग अपने को निरोग व स्वस्थ्य रख सकते हैं। इस पद्धति में समूल र

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 03:08 AM (IST)Updated: Thu, 20 Apr 2017 03:08 AM (IST)
आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाकर लोग रह सकते हैं निरोग

नवादा। आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाकर लोग अपने को निरोग व स्वस्थ्य रख सकते हैं। इस पद्धति में समूल रोगों का इलाज शत प्रतिशत संभव है। लोग इसके दवा का नियमित सेवन कर हरएक जटिल रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। उक्त बातें बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में जागरण कार्यालय पहुंचे आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद आयु का विज्ञान है। इससे स्वस्थ्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा व रोगी के रोग का निवारण किया जा सकता है। इसमें सभी रोगों का अचूक इलाज है। दवा का नियमित सेवन कर लोग निरोग सकते हैं। इस पद्धति के दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को स्वस्थ्य रहने के लिए प्रकृति के नियमों का पालन करना आवश्यक है। इसके साथ- साथ समय पर भोजन करना चाहिए। सुबह के नाश्ता में फल का रस व रात्रि में दूध का सेवन करना चाहिए। अंकुरित अनाज का सेवन भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को निरोग रहने के लिए महर्षियों को देखते हुए नियमों का पालन करना अवश्य करना चाहिए। इस दौरान लोगों ने फोन से संपर्क कर बीमारियों से संबंधित कई सवाल पूछे। लोगों द्वारा पूछे गए सवाल का डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने जवाब देते हुए उचित परामर्श दिया।

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लोगों द्वारा पूछे गए सवाल व जवाब के प्रमुख अंश

सवाल- मेरी बच्ची 24 साल की है, उसे 10 साल से चर्मरोग हो गया है। इसके लिए क्या उपाय करें।

प्रमोद कुमार, कौआकोल।

जवाब- अनियमित खानपान की वजह से ऐसी समस्या उत्पन्न होती है। इससे लोगों को घबराना नहीं चाहिए। लोगों को चिकित्सक से मिलकर इलाज कराना चाहिए। चिकित्सक की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए। इस तरह के रोगी को मछली, खट्टा चीज के सेवन से परहेज करना चाहिए। फिलहाल खरीदारिस्ट 3 चम्मच सुबह व शाम, गंधक रसायन शहद के साथ एवं कायाकल्प वटी 2 टेबलेट सुबह - शाम एक माह सेवन करें। काफी आराम मिलेगा। साथ ही सूती कपड़ा का उपयोग करें।

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सवाल- छह माह से बायां पैर के घुटना के ज्वाइंट में काफी दर्द रहता है। इसके लिए क्या करें ।

मनीष कुमार, रजौली।

जवाब- ठंडा चीज का सेवन अधिक करने से इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे रोगियों को ठंडा चीज के सेवन से परहेज करना चाहिए। फिलहाल महावातवित वांशन रस 10 ग्राम, परवालपिस्टी 10 ग्राम, गौदंती भस्म 5 ग्राम, स्वर्णभाक्षिक 5 ग्राम व गिलोयसत्र 10 ग्राम सभी को मिलाकर 60 पुडि़या बना लें। इसके बाद सुबह व शाम शहद के साथ सेवन करें। बहुत जल्द आराम मिल जाएगा।

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सवाल-दो माह से आंखों की रोशनी कम हो गई है। देखने में काफी परेशानी होती है। इसके लिए क्या करें।

संतोष कुमार, रजौली।

जवाब- इस प्रकार के रोगियों को आंवला का सेवन अधिक करना चाहिए। साथ ही पीले फलों का सेवन अधिक करना चाहिए। इसके अलावा खाली पैर कम से कम 2 किलोमीटर अवश्य टहलना चाहिए। ऐसे रोगियों को विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलकर जांच करवाकर चिकित्सक की सलाह से दवा सेवन करना चाहिए।

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इन्होंने भी पूछे सवाल

आयुष महंत- नारदीगंज।

सुरेन्द्र कुमार- ओखरिया बिशनपुर, कौआकोल।

विनीता कुमारी- नारदीगंज।


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