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मैडम का नाम, चेहरा बने पतिदेव

रजौली(नवादा): रजौली प्रखण्ड में 18 मई को चुनाव होना है। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रह

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 08:43 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 08:43 PM (IST)

रजौली(नवादा): रजौली प्रखण्ड में 18 मई को चुनाव होना है। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है वैसे-वैसे प्रत्याशी अपनी ताकत झोक रहे हैं। खासकर जिस पंचायत में मुखिया पद की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हुई है उस पंचायत में मुखिया प्रत्याशी के पति ही चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे है। क्षेत्र में अधिकांश महिला सीट पर यही स्थिति है। मैडम का नाम पोस्टर में छोटा दिख रहा है। लेकिन तस्वीर से लेकर नाम तक में पोस्टर का ज्यादा हिस्सा पर पतिदेव ही कब्जा कर रहे हैं। सुबह से लेकर देर रात चुनाव प्रचार में लगे रहते हैं। हर प्रत्याशी के पति मलाईदार पद पर हर हाल में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाह रहे हैं। वहीं अपने लाव-लश्कर को तरह-तरह के सपने दिखा रहे हैं। गर्मी के मौसम में वोटरों के हलक को कोल्ड ¨ड्रक्स से ठंडा भी कराया जा रहा है। अब तो समय ही बतायेगा कि वोट किसके पक्ष में जायेगा। एक वोटर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि वोट डालने के दो दिन पहले निर्णय लिया जायेगा कि किस प्रत्याशी को वोट देना है।

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मतदाताओं को धमका रहे है नक्सली

संवाद सहयोगी, रजौली(नवादा):थाना क्षेत्र के धमनी पंचायत के कुम्हरुआ गांव के मतदाताओं को नक्सलियों के द्वारा डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है। देर शाम होते ही नक्सलियों का एक दस्ता कुम्हरुआ गांव में पहुंचकर मतदाताओं को डरा धमका कर अपने चहेतों को वोट देने को कहते हैं। कुम्हरुआ गांव के ग्रामीणों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नक्सली देर रात तक गांव की गलियों में घुम-घुम कर दरबाजा खुलाते हैं और मतदाताओं को कहते है कि अगर मेरे चहेते को वोट नहीं दिया तो कीमत जान से भी चुकानी पड़ सकती है। जिससे ग्रामीण में काफी दहशत का माहौल है। पिछले कुछ दिनों पहले भी इसी क्षेत्र में नक्सलियों के द्वारा इस क्षेत्र में ग्रामीणों को डराने के लिए फाय¨रग की गयी थी। इसकी सूचना मिलने के बाद रजौली प्रशासन के द्वारा इस क्षेत्र में कार्रवाई की गयी थी। लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी।

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बगैर अनुमति चलाया जा रहा दर्जनों वाहन

संवाद सहयोगी,रजौली(नवादा): चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों को वाहनों की अनुमति लेना जरूरी है। बगैर परमिट के वाहन से चुनाव प्रचार करना अवैध है। संबंधित प्रत्याशी के विरूद्ध कार्रवाई हो सकती है। लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। धड़ल्ले से दो पहिया और चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल उम्मीदवारों द्वारा किया जा रहा है। मुखिया, पंचायत समिति एवं सरपंच प्रत्याशी दर्जनों मोटरसाईकिल का काफिला के साथ क्षेत्रों में चुनाव प्रचार

खुले आम कर रहे हैं।


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