मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है : प्रभजनानंद
मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है।
नवादा। मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है। इसी मन को अगर हम संसार की तरफ लगाते हैं तो बंधन में पड़ जाते हैं। लेकिन इसी मन को अगर हम ईश्वर की तरफ मोड़ देते हैं तो मुक्त हो जाते हैं। उक्त बातें गांधी इंटर विद्यालय के मैदान में रामकृष्ण कथा परिवार नवादा द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन गुरुवार को अयोध्या से पहुंचे कथावाचक प्रभजनानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में लोगों को खुश रहते हुए परमात्मा से जुड़कर रहना चाहिए। कष्ट और विपत्तियां अपने कर्मों के परिणाम स्वरूप मिलती है। ईश्वर तो आनंद का समुद्र हैं और संसार में जितना भी सुख व सौंदर्य दिखाई पड़ता है उसी आनंद के सागर की मात्र एक बूंद से है। उन्होंने कहा कि भगवान का आगमन उसी व्यक्ति के जीवन में होता है जो सभी विकारों से रहित हो जाए और दसो इंद्रियों को अपने वश में कर ले। योग्यता के अहंकार का परित्याग कर ईश्वर की शरण में आ जाए ऐसे ही व्यक्ति के जीवन में प्रभु का पदार्पण होता है। इस दौरान उन्होंने श्रीराम के बाल चरित्रों का भी वर्णन किया। वहीं अयोध्या से पहुंचे भजन मंडली के कलाकार विपिन तिवारी, प्रदीप तिवारी, मनीष कुमार, सुनील कुमार, गुंजन कुमार, शंकर कुमार आदि ने भगवान श्रीराम पर आधारित भजन की प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर रामकृष्ण कथा परिवार नवादा के अध्यक्ष प्रो.सुभाषचंद्र, सचिव गोरेलाल ¨सह, कमलेश कुमार, राजेश कुमार श्री, अवधेश ¨सह, सुरेंद्र ¨सह समेत सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।