स्कूलों के पास बिक रहा बीड़ी-सिगरेट
समाज में बहुत सी बुराईयां है। तंबाकू व धुम्रपान के सेवन ने समाज को बुरी तरह अपने जाल में जकड़ रखा है।
नवादा। समाज में बहुत सी बुराईयां है। तंबाकू व धुम्रपान के सेवन ने समाज को बुरी तरह अपने जाल में जकड़ रखा है। इन उत्पादों के नकारात्मक प्रभाव से वाकिफ होते हुए भी लोग, खासकर युवा पीढ़ी नशे की लत में फंसी हुई है। दरअसल, सरकारी कवायद के बावजूद राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति में कुछ कमियां है। जिसके कारण समाज नशामुक्त नहीं हो पा रहा है।
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खुलेआम हो रही बिक्री
- सार्वजनिक स्थलों पर बीड़ी-सिगरेट की खुलेआम बिक्री हो रही है। यहां तक कि स्कूलों के समीप भी धूम्रपान उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। ऐसे दुकानदारों पर कानूनी बंदिश का कोई प्रभाव नहीं दिखता है। नतीजा यह है कि विद्यालय हो या मंदिर, अस्पताल हो या सरकारी दफ्तर सभी जगह खुलेआम बीड़ी-सिगरेट बिकता है और इसका घड़ल्ले से सेवन भी होता है। रजौली शहर के तकरीबन एक दर्जन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों से सटे पान, सिगरेट की दुकान है। अस्पताल से लेकर ब्लॉक से सटे पान दुकानों के समीप सरकारी पाबंदियों की धज्जियां उड़ती हैं।
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जुर्माने का है प्रावधान
- सार्वजनिक जगहों पर धुम्रपान करने पर जुर्माना का प्रावधान है। बकायदा कोटपा नियम बनाया गया है। लेकिन रजौली थाना क्षेत्र में इस नियम को सख्ती से लागू नहीं कराया जा रहा है। उच्च अधिकारियों का निर्देश मिलने पर कार्रवाई के नाम पर रस्म अदायगी होती है, इसके बाद मामला ठंडा पड़ जाता है। स्थानीय लोगों ने स्कूलों के समीप बीड़ी-सिगरेट की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की है।