सुबह से शाम तक शहर से गांव तक ब्लैकआउट
नवादा। शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक नवादा जिले का शहर और गांवों में ब्लैक आउट र
नवादा। शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक नवादा जिले का शहर और गांवों में ब्लैक आउट रहा। पानी के लिए लोग त्राहिमाम करते रहे। नवादा नगर सहित जिले के तमाम शहरों व बाजारों में लोग दिन भर बेचैन रहे। यह आलम तब है जब एक ओर केंद्र व राज्य सरकार घर-घर बिजली उपलब्ध कराने को प्रयासरत है। बिजली आपूर्ति को लेकर तमाम प्रकार के दावे-वायदे किये जा रहे हैं। लेकिन जिले में इन दावों व वायदों की पोल खुलती दिख रही है। उमस भरी गर्मी के बीच जिले में बिजली व पेयजल संकट गहराता जा रहा है। आलम यह है कि लगातार कई घंटों तक बिजली गुल रह रही है। बिजली कब आएगी और कब जाएगी, यह बता पाना भी मुश्किल हो रहा है। बिजली आपूर्ति ठप रहने के कारण पेयजल को भी हाहाकार मच गया है। गुरुवार की रात से गुल हुई बिजली का दर्शन शुक्रवार को दिन भर नहीं हुआ। जिससे समाज का हर तबका परेशान रहा। सुबह में बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नित्य क्रिया निबटाने में भी दिक्कतें आईं। सुबह उठकर स्कूल जाने वाले बच्चे परेशान रहे। पानी की समस्या उत्पन्न हो जाने के कारण महिलाओं को घर की सफाई से लेकर खाना बनाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इन स्थितियों के चलते लोगों में बिजली विभाग के प्रति आक्रोश पनप रहा है। लोग धरना-प्रदर्शन का मूड बना रहे हैं। ऐसे में विधि व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। शहर से लेकर गांवों तक लोग लालटेन युग में जीने को विवश हैं। पानी की तलाश में लोग इधर-उधर भटकते नजर आये। चापाकलों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारें दिखी। लोग पानी लेने के लिए आपाधापी करते दिखे। शहरवासियों को बिजली-पानी की समस्या से ज्यादा जूझना पड़ रहा है। कारण यह है कि अधिकांश लोग मोटर पर आश्रित हैं। बिजली रहने पर ही मोटर चल नहीं पाता है।
--------------------तार टूटने से आई परेशानी -नवादा ग्रीड को बिहारशरीफ व बोध गया के ग्रीड से बिजली आपूर्ति होती है। 15 दिनों पूर्व बिहारशरीफ से नवादा ग्रीड तक आने बाली तार का पोल टूट गया था। जिसे अबतक नहीं जोड़ा गया है। इस बीच गुरूवार की रात बोध गया से नवादा तक आने वाली तार भी टूट गया। परिणाम हुआ कि शुक्रवार की सुबह से लेकर रात 8 बजे तक बिजली नहीं थी। बिजली कब आयेगी अधिकारी बताने को तैयार नहीं हैं।
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मोबाइल रिसीव नहीं करते साहब
- एक तो शहर से लेकर गांवों तक लोग लालटेन युग में जीने को विवश हैं। उपर से बिजली विभाग के अधिकारी भी लापरवाह बने हुए हैं। वास्तिवक स्थिति जानने को कई मीडिया कर्मी विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से मोबाइल पर संपर्क साधते रहे। लेकिन मोबाइल की घंटियां घनघनाती रही और साहब बेफिक्र बने रहे। उन्होंने मोबाइल रिसीव कर जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कार्यपालक अभियंता की लापरवाही को स्वीकार करते हुए डीएम से इसकी शिकायत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल रिसीव नहीं करने को लेकर कई बार फटकार लगाई गई, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। वे भी मानते हैं कि लचर आपूर्ति को लेकर कारणों की जानकारी दी जानी चाहिए। संवादहीनता से आक्रोश पनपता है। वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है, पहले भी मोबाइल रिसीव नहीं किये जाने का विषय सामने आ चुका है। ऐसे में समझा जा सकता है कि आम आदमी तो दूर कार्यपालक अभियंता की मनमानी से अधिकारी भी परेशान हैं।
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बैट्री-इन्वर्टर ने भी दिया जवाब
- लगातार 15-20 घंटे बिजली गायब रहने के कारण बैट्री-इन्वर्टर ने भी जवाब देना शुरु कर दिया है। आलम यह है कि मोबाइल चार्ज करना भी दुष्कर हो गया है। लोगों को जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। हर कोई उमस भरी गर्मी से परेशान दिख रहा है और बिजली की लचर स्थिति को देखते हुए लोग विभाग और प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं। बिजली नहीं रहने के कारण एसी, पंखा-कूलर, फ्रिज आदि इलेक्ट्रानिक उपकरण शोभा की वस्तु बन गये हैं। बिजली की लचर स्थिति के चलते इलेक्ट्रानिक बाजार पर भी असर पड़ने लगा है।
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धरना-प्रदर्शन का मूड बना रहे लोग
- बिजली की लचर आपूर्ति से लोगों में आक्रोश गहराता जा रहा है। बिजली-पानी का संकट झेल रहे लोग धरना-प्रदर्शन का मूड बना रहे हैं। ऐसे में विधि व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। जिससे प्रशासन के समक्ष बड़ी समस्या सामने हो सकती है। लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी इस समस्या से निजात दिलाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
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कहते हैं डीएम
- गया ग्रिड से नवादा ग्रिड को बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है। तकनीकी खराबियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
मनोज कुमार, डीएम, नवादा।