मध्याह्र भोजन योजना को बेहतर बनाने की कवायद
स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याह्र भोजन देने और योजना में अनियमितता पर लगाम लगाने की
नवादा। स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याह्र भोजन देने और योजना में अनियमितता पर लगाम लगाने की दिशा में विभागीय स्तर पर ठोस पहल शुरू की जा रही है। डीपीओ अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि 12 अक्टूबर को राज्यस्तरीय बैठक में निदेशक ने योजना को बेहतर बनाने को लेकर कई आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने साफ कर दिया है कि सभी विद्यालयों का निरीक्षण जरूरी है। जांच रिपोर्ट भी ससमय जाम करने का निर्देश सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है।
अनुश्रण टीम को दिया गया कई निर्देश
हाल में अनुश्रवण व रिपोर्ट जमा करने में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आने के मामले को डीपीओ ने गंभीरता से लेते हुए अनुश्रवण टीम को भी खरी खोटी सुनाई है। उन्होंने बताया की 21 अगस्त को पत्रांक संख्या 781 में यह निर्देश दिया गया था कि विद्यालयों के अनुश्रण के उपरांत उसी दिन संध्या 5 बजे तक अनुश्रवण प्रतिवेदन अवलोकनार्थ जिला कार्यलय में प्रस्तुत करें। कुछ प्रखंड साधन सेवी द्वारा इसका अनुपालन किया भी गया परन्तु औपचारिकता के रुप में उन्होंने सूची जिला कार्यलय को जमा किया। जो रिपोर्ट सौंपी भी जाती है उसमें सबकुछ दुरूस्त बता दिया जाता है। लेकिन जब कभी सामूहिक औचक निरीक्षण किया जाता है तब खामियां सामने आ जाती है। सामान्यत: रिपोर्ट में भौतिक उपस्थिति एवं पंजी में काफी समानता दिखाई जाती है। लेकिन सही जांच जब भी होती है बच्चों की भौतिक उपस्थिति एवं पंजीनुसार उपस्थिती में काफी अंतर पाया जाता है। तब प्रधानाध्यापकों से राशि वसूली की कार्रवाई करनी पड़ती है। इससे प्रतीत होता है कि अनुश्रण टीम द्वारा जांच में खानापूर्ति की जाती है। श्री मिश्रा ने बताया कि जांच में जो सही तथ्य रहे वही जांच अधिकारी दें। अन्यथा भविष्य में रिपोर्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
संवेदकों को भी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश
मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े संवेदकों को कार्यालय से वितरण सूची प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर अग्रिम वितरण सूची, रूट चार्ट प्रतिवेदन हर माह ससमय देना सुनिश्चित करने को कहा गया है। गड़बड़ी या अनियमितता की सूचना पर एकरारनामा रद्द करने की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।