उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा उपभोक्ता पा सकते हैं न्याय
ब्रांडेड के नाम पर दुकानदारों द्वारा बाजारों में गलत सामग्री देकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जा रहा है।
नवादा। ब्रांडेड के नाम पर दुकानदारों द्वारा बाजारों में गलत सामग्री देकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में पीड़ित उपभोक्ता सामग्री खरीद की पक्की रसीद के साथ उपभोक्ता फोरम में वाद दर्ज कराकर समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए फोरम द्वारा 2 साल के अंदर की अवधि निर्धारित की गई है। इस अवधि के बाद वाद लाने वाले उपभोक्ताओं को विलंब होने के कारणों का जिक्र करना होगा। तभी उपभोक्ता के वादों का निष्पादन हो सकेगा। उक्त बातें दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में बुधवार को कार्यालय पहुंचे जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य डॉ. अनिल कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बाजारों में ब्रांडेड के नाम पर नकली सामग्री धड़ल्ले से बेची जा रही है। जहां आए दिन लोग ठगे जा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में उपभोक्ताओं को सामग्री खरीदने से पहले गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए। साथ ही किसी भी सामग्री की खरीदारी करने के बाद पक्की रसीद अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए उपभोक्ता संरक्षण फोरम का गठन वर्ष 1986 में किया गया था। इस फोरम का गठन उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान हेतु त्वरित व सस्ता न्याय दिलाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि फोरम के माध्यम से 20 लाख तक के वाद को जिला उपभोक्ता फोरम, 20 से 1 करोड़ तक के मामलों का राज्य आयोग एवं 1 करोड़ से उपर के मामलों का निष्पादन राष्ट्रीय आयोग के माध्यम से किया जाता है। इस एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने फोन से संपर्क कर उपभोक्ता फोरम से संबंधित कई सवाल पूछे।
लोगों द्वारा पूछे गए सवाल का डॉ. अनिल कुमार ने जवाब देते हुए उचित परामर्श दिया।
सवाल व जवाब के प्रमुख अंश
सवाल: उपभोक्ता से संबंधित क्या-क्या अधिकार है। इसके लिए क्या करना चाहिए।
शिवशंकर ¨सह, ¨बदीचक, कौआकोल।
जवाब: उपभोक्ता के लिए प्रमुख रूप से सात अधिकार बनाए गए हैं। जिसमें उपभोक्ता सुरक्षा का अधिकार, सूचना प्राप्त करने का अधिकार, उत्पाद चुनने का अधिकार, गलत उत्पाद के विरुद्ध फोरम में वाद दर्ज कराने का अधिकार, सामग्री खरीदने व पक्की रसीद लेने का अधिकार, क्षतिपूर्ति एवं मूल सुविधा जैसे रोटी, कपड़ा व मकान का अधिकार शामिल हैं। इन अधिकारों को दिलाने के लिए जिला उपभोक्ता फोरम जिले में सशक्त रूप से कार्य कर रही है। अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए लोगों को नियमों के अनुसार जागरूक होना होगा। तभी लोगों को उनके अधिकार का लाभ मिल सकेगा।
सवाल: छह माह पहले ट्रैक्टर की खरीदारी की थी। छह माह के बाद ही उसका इंजन सीज हो गया। एजेंसी मालिक से शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए क्या करना होगा।
बंगाली ¨सह, नरहट।
जवाब: वाहन खरीद का प्रमाण पत्र व वाहन के सभी कागजात के साथ ट्रैक्टर कंपनी के डीलर के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम में वाद ला सकते हैं। फोरम में मामला दर्ज होने के बाद कंपनी के डीलर को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद सुनवाई की तिथि निर्धारित कर डीलर से सभी ¨बदुओं पर जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी व कंपनी के डीलर से क्षतिपूर्ति पर समझौता के माध्यम से बात कर 3 से 6 माह के अंदर मामले का निपटारा किया जाएगा।
सवाल: आटा चक्की का प्रोजेक्ट बनाकर पीएनबी बैंक के एलडीएम को दिया गया। आवेदन देने के बाद जांच कर ऋण पास कर दिया गया। इसके बाद कई बार बैंक मैनेजर से मिला लेकिन अभी तक ऋण की राशि का भुगतान नहीं हो सकी है। इसके लिए क्या करना होगा।
धर्मेन्द्र कुमार, पनपा, नारदीगंज।
जवाब: बैंक से ऋण लेने के लिए बैंक द्वारा कई नियम बनाए गए हैं। इनके नियमों व शर्तों पर पूर्ण करने के बाद ऋण पास किया जाता है। लेकिन बैंक के अधिकारी किसी कारण से कभी भी पास हुए ऋण को रद कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में फोरम में वाद दर्ज करा सकते हैं। वाद दर्ज होने के बाद बैंक को भी नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही पता चल सकेगा कि ऋण राशि का भुगतान क्यों नहीं हो रहा है।
सवाल : जनवितरण डीलर राशन व केरोसिन कम देते हैं और निर्धारित राशि से ज्यादा लेते हैं। इसके लिए क्या करना होगा।
मो. मनव्वर आलम, पकरीबरावां।
जवाब: जनवितरण डीलर सही माप व सही गुणवत्ता नहीं देता है तो ऐसी स्थिति में साक्ष्य के साथ कोई भी व्यक्ति उपभोक्ता फोरम में मामले को दर्ज करा सकता है। मामला दर्ज होने के बाद जनवितरण डीलर को नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन्होंने भी पूछे सवाल
मिथिलेश कुमार- भूलन बिगहा, हिसुआ।
सुनील मालाकार-कौआकोल।
बुंदेल मांझी- सीतारामपुर, नारदीगंज।
कृष्णा यादव- पकरीबरावां।
शिवानी कुमारी-बड़ी पाली, नरहट।
संतोष ¨सह, रजौली।
फोरम में किस तरह के शिकायत होंगे दर्ज
एयरलाइंस, आटोमोबाइल्स, बैं¨कग, घरेलू उत्पाद, बिजली, खाद्य सुरक्षा, बीमा, मेडिकल( चिकित्सकीय भूल), नन बैं¨कग फाइनेन्सियल कंपनी, जनवितरण प्रणाली, डाक विभाग, रियल स्टेट, पेट्रोलियम, रसोई गैस एवं टेलीकॉम।
कौन दर्ज करा सकते हैं मामला
पीड़ित उपभोक्ता, रजिस्टर्ड व बिना रजिस्टर्ड फर्म, कॉपरेटिव सोसाइटी व राज्य या केंद्र सरकार। इसके अलावा उपभोक्ता की मौत होने पर कानूनी वारिश वाद ला सकता है। साथ ही उपभोक्ता अपना पक्ष स्वयं रख सकते हैं।