एक न चली नक्सलियों की
कौआकोल, नवादा। चुनाव आयोग की पुख्ता व्यवस्था के आगे नक्सलियों की एक न चली। नक्सलियों द्वार
कौआकोल, नवादा। चुनाव आयोग की पुख्ता व्यवस्था के आगे नक्सलियों की एक न चली। नक्सलियों द्वारा चुनाव में बाधा पहुंचाने की आशंका को सुरक्षा बलों ने खारिज कर दिया।
बल्कि नक्सल प्रभावित गांवों में भी किसी भी प्रकार का दबाव न होने के कारण इस बार मतदाताओं में वोट डालने को लेकर काफी उत्साह देखा गया। प्रखण्ड के आदिवासी बाहुल्य गांव झिलार बूथ संख्या 276 पर मतदताओं की तादाद काफी रही।
कौआकोल में मतदान का प्रतिशत 49.96 रहा। जबकि लोकसभा चुनाव 2014 में हुए चुनाव से इस बार मतदान 02 प्रतिशत कम हुआ। भयमुक्त व निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे। मतदान शुरू होने के 12 घंटे पूर्व ही अपराधियों से निपटने के लिए पारा मिलिट्री फोर्स ने मोर्चा संभाल रखा था। नक्सलियों से निपटने को लेकर सीआरपीएफ के जवानों ने बाइक से जंगली क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन अभियान चला रखा था।
बाइक से जवानों ने किया गश्त
-कौआकोल के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवानों ने च्वच्छ व भयमुक्त मतदान के लिए मोटर साइकिल से एरिया डोमिनेशन चलाया। सड़कों पर जवानों को बाइक से फर्राटे भरते देख वोटर मुस्कुराते हुए मतदान केंद्रों की ओर जाते दिखे।
------------------------- नक्सल प्रभावित बूथ 280 पर मतदान का बहिष्कार
कौआकोल के नक्सल प्रभावित दनियां बूथ पर मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। इस बूथ के वोटर दनियां के ग्रामीण कैलाश ¨सह, झरनमां के सरसतिया देवी, व परनी देवी सहित कई लोगों ने बताया कि आजादी के बाद आज तक हम लोग आवश्यक मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित किया गया है। आलम ये कि बूथ को भी गांव से 8 किलोमीटर दूर के गांव पचम्वा स्थित विद्यालय में कर दिया गया। ऐसे में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। मतदाताओं को नक्सली क्षेत्र से गुजरते हुए बूथ तक पहुंचना आसान नहीं था।