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डीआईजी की सख्ती का राजमार्गो पर दिख रहा असर

संवाद सहयोगी ,नवादा : मगध प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक शालिन के उस आदेशों का अनुपालन होना शुय

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 06:27 PM (IST)
डीआईजी की सख्ती का राजमार्गो पर दिख रहा असर

संवाद सहयोगी ,नवादा : मगध प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक शालिन के उस आदेशों का अनुपालन होना शुय हो गया है, जिसमें उन्होंने राजमार्गो से हर प्रकार के अपराध का खात्मा का निर्देश जिले की को दिया था। जब आदेश का अनुपालन होना आरंभ हुआ तो परिणाम भी सामने आने लगे हैं। शनिवार की देर शाम रजौली के हरदिया में इंट्री माफिया के ठिकानों पर की गई छापामारी इसी की एक कड़ी है। इस दौरान फर्जी कागजातों व लैपटॉप के साथ वाहनों को अवैध तरीके से पार कराने वालों की गिरफ्तारी व उसमें से रंजीत सिंह,गुडडु लाल व महेश को जेल भेजा जाना बड़ी कार्रवाई है।

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अधिकारी भी उतरने लगे सड़कों पर - डीआईजी के आदेश का ही प्रभाव है कि एसडीपीओ तक सड़कों पर उतर कर वाहनों की जांच कर रहे हैं तथा इंट्री माफियाओं द्वारा समेकित जांच केन्द्रों से अवैध रूप से पास कराये गये वाहनों को पकड़ने में लगे हैं। अकेले सदर एसडीपीओ संजय कुमार पाण्डेय ने ही स्टोन चिप्स से लदे ऐसे 40 ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ राजस्व में वृद्धि कराई है। रजौली एसडीपीओ बीरेन्द्र कुमार साहु भी इसमें पीछे नहीं हैं और उन्होंने भी करीब 150 के करीब ओरलोडेड वाहनों की अबतक धरपकड़ की है। इससे इंट्री माफियाओं की कमर टूटने लगी है।

अधिकारियों पर दर्ज हुई है प्राथमिकी

- समेकित जांच केन्द्र पर कार्यरत बिक्रीकर विभाग के दो पदाधिकारियों पर वाहनों को अवैध रूप से पास कराने के आरोप में रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद वे अब भी जांच केन्द्र पर कार्य कर रहे हैं तो धंधा जारी है। इंट्री माफियाओं का गोरखधंधा अब भी जारी है लेकिन कुछ हद तक कम अवश्य हुआ है।

बड़ी मछलियां अब भी पकड़ से दूर

-रजौली के दिबौर समेकित जांच केन्द्र पर इंट्री माफियाओं का एक संगठित गिरोह है। गिरोह के द्वारा केन्द्र पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों से लेकर पुलिस के जवानों तक भोजन-नाश्ता से लेकर हर सुख सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है। इसमें बड़ी-बड़ी हस्तियां लगी है जो पुलिस की नजरों से ओझल है। उनके मातहत कार्य करने वाले छोटे-छोटे लोग आसानी से पकड़े जा रहे हैं लेकिन बड़ी मछलियां हाथ नहीं लग रही है। पिछले 21 मई को रजौली सिनेमा हॉल के पास अर्जुन यादव के मकान में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश व तीन सरकारी कर्मियों के साथ विधवा के पकड़े जाने से यह सिद्ध हुआ है कि रजौली में अधिकारियों व कर्मचारियों से अवैध काम के एवज में खुलकर सुरा-सुन्दरी का प्रयोग होता है। जिसके पीछे कई सफेदपोशों का हाथ है जो पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

कभी आयी थी किरासन कालाबारियों पर शामत

- बात बहुत पुरानी है। तब शालिन नवादा के एसपी हुआ करते थे। उन्हें किरासन कालाबाजारी की सूचना मिलने लगी तो आपूर्ति पदाधिकारियों को कार्रवाई न करते देख वे परेशान हो गये। तब एसपी अपना मोबाइल नम्बर किसी को नहीं दिया करते थे। अपराध समीक्षा में उन्होंने थानाध्यक्षों को किरासन की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने का आदेश दिया था। लेकिन थानाध्यक्षों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। तत्काल उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर समाचार पत्रों के माध्यम से जारी करते हुए आम लोगों से किरासन कालाबाजारियों की सूचना उपलब्ध कराने की अपील की। परिणाम यह हुआ कि सूचनाएं आनी आरंभ हुई तो हजारों लीटर किरासन अकेले वारिसलीगंज में कालाबाजारियों ने बहा दिया। कई को जेल की हवा खानी पड़ी थी। कालाबारी पर अंकुश लगा और किरासन आसानी से पीडीएस दुकानों व हॉकरों के माध्यम से मिलने आरंभ हुए।

मिल रहे हैं अच्छे परिणाम

-डीआईजी के आदेश का ही असर है कि भयंकर लग्न के बावजूद उनके योगदान के बाद से अबतक पथ लूट की एक भी घटनाएं नहीं हुई। जिला पुलिस के तमाम अधिकारी सड़कों पर उतर चुके हैं तो राजमार्ग समेत विभिन्न पथों पर लोग बगैर किसी खौफ के देर रात तक यात्रा कर रहे हैं।

कहते हैं अधिकारी

- कोई काम अल्लाउद्दीन की चिराग की तरह नहीं होता। फिर भी प्रयास किये जा रहे हैं। लोग चैन की निंद सो सकें। अपराधियों में पुलिस का खौफ हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं। जहां तक समेकित जांच केन्द्र पर राजस्व की चोरी का सवाल है तो इसको रोकना मेरी प्राथमिकता है। आम नागरिक सूचना मोबाइल नम्बर 9431822960 दे सकते हैं।

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