कुछ पल की आंधी डरा गई लोगों को
जागरण संवाददाता, नवादा : शनिवार से शुरु हुए भूकंप के झटकों का खौफ अभी भी लोगों के जेहन में है। प्राक
जागरण संवाददाता, नवादा : शनिवार से शुरु हुए भूकंप के झटकों का खौफ अभी भी लोगों के जेहन में है। प्राकृतिक विपदाओं का भय इस कदर सवार है कि लोग दहशत के साये में जी रहे हैं। हालांकि मंगलवार को भूकंप का झटका तो नहीं आया, लेकिन अचानक कुछ पल के लिए आई आंधी लोगों को डरा गई। भूकंप के झटके के बाद तेज बारिश, आंधी का खतरा लोगों को सता रहा है।
व्यक्त की शोक संवेदना
संवाद सूत्र, नवादा : नेपाल व भारत में आये भूकंप के बाद लोगों की हुई मौत पर शोक संवेदना व्यक्त किये जा रहे हैं। हर कोई इस प्राकृतिक त्रासदी से आहत है। मतदाता जागरुकता व जनाधिकार मंच के संस्थापक आजाद गीता प्रसाद शर्मा ने जान-माल की बड़े पैमाने पर हुई क्षति पर गहरा शोक प्रकट किया है।
आधी में उड़ा गरीबों का आशियाना
संवाद सूत्र, वारिसलीगंज(नवादा): मंगलवार की दोपहर प्रखण्ड क्षेत्र में आयी तेज आधी से कई ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के घर का छप्पर उड़ा ले गया। आधी इतनी तेज थी कि लोहे के चदरे या फिर फूस से बना छप्पर इधर उधर बिखर गया। हालाकि कहीं से कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं है। दो दिनों से दोपहर में तेज हवा और आधी आने से लोगों में भय व्याप्त हो रहा है। फिर भूकंप का झटका आने के अफवाहों से लोग परेशान है।
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- भूकम्प का असर ककोलत पर
संवाद सहयोगी,नवादा: बेमौसम की बारिश व पिछले तीन दिनों तक जिले में आ रहे भूकम्प के झटकों का असर ककोलत जलप्रपात पर पड़ना शुरू हो गया है। सैलानी फिलहाल ककोलत आने से परहेज कर रहे हैं। अगर आ भी गये उन्हें जल्दी वापस लौटने की चिन्ता सताने लगती है। जिले का कश्मीर माने जाने वाले ककोलत में आम तौर पर फाल्गुन समाप्ति के साथ सैलानियों का आना आरंभ हो जाता था। तपिश बढ़ने के साथ यह चरम पर होता था। अचानक अप्रैल के प्रथम सप्ताह से आंधी-पानी के आरंभ होने के साथ तापमान में गिरावट के कारण सैलानियों का आना कम हो गया।
रविवार को दो बार व सोमवार की संध्या करीब 15 सेकेंड तक भूकम्प के झटके के बाद जलप्रपात पर सन्नाटा छाया है। यहां तक रविवार को भी मुश्किल से 100 लोग ही आ सके तथा जो आये भी वह जल्द लौटने में ही अपनी भलाई समझी।