अध्यक्ष नॉट आउट, उपाध्यक्ष क्लीन बोल्ड
जागरण संवाददाता, नवादा : जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को
जागरण संवाददाता, नवादा : जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को कराई गई वोटिंग में अध्यक्ष की कुर्सी सलामत रह गई वहीं उपाध्यक्ष को हार का सामना करना पड़ा। 25 सदस्यों के सदन में अध्यक्ष धर्मशीला देवी ने 13-12 के अंतर से कुर्सी बचाई तो उपाध्यक्ष गया राम 15-10 के अंतर से हार गये। इस तरह नतीजा फिफ्टी-फिफ्टी का रहा। अध्यक्ष नॉट आउट तो उपाध्यक्ष क्लीन बोल्ड हुए। ऐसे में खुशी किसी पक्ष में नहीं दिखी।
जिलाधिकारी ललन जी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में निर्धारित समय 11 बजे से बैठक शुरू हुई। सभी पार्षद समय पर ही पहुंच गये थे। सदस्यों की उपस्थिति के बाद बैठक की औपचारिक शुरूआत हुई। चर्चा के बाद गुप्त मतदान कराया गया। इसके पूर्व सभी पार्षदों को वोट करने के तरीके बताये गये। वोटिंग के बाद जब परिणाम आये तो दोनों खेमा के रणनीतिकार पार्षदों को जोर का झटका धीरे से लगा। इस प्रकार के परिणाम की उम्मीद किसी को नहीं थी। अध्यक्ष विरोधी खेमा अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 15-17 वोट पड़ने की उम्मीद लगाये थे। उपाध्यक्ष के खिलाफ 15 वोट तो पड़े लेकिन अध्यक्ष की बारी आई तो महज 12 वोट ही पड़े।
बहरहाल अध्यक्ष खेमा कुर्सी बचने से संतुष्ट है, लेकिन उपाध्यक्ष की कुर्सी जाने का मलाल भी है। वहीं विरोधी खेमा उपाध्यक्ष को अपदस्थ करने के बावजूद अपनी हार मानकर सदमे में है।
ऐसे में आने वाले दिनों में उपाध्यक्ष के चुनाव में ज्यादा उत्साह पार्षदों के बीच देखने को नहीं मिलेगा, यह तय है।
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क्या थी सामान्य स्थिति
-अध्यक्ष धर्मशीला देवी, उपाध्यक्ष गया राम सहित राजदेव प्रसाद- सिरदला, जागेश्वर पासवान- रोह, प्रेमा चौधरी- नवादा, गीता देवी- वारिसलीगंज, सरिता देवी- अकबरपुर व पूनम देवी-हिसुआ कुल आठ सदस्य कल तक एक साथ थे।
वहीं सत्ताधारी गुट के बागी पिंकी कुमारी-अकबरपुर, अनिता कुमारी-पकरीबरावां,चंचला देवी -नरहट,चिंता देवी-रजौली, गुलशन बानो-मेसकौर, जितेंद्र कुमार-हिसुआ,चंद्रिका यादव-नारदीगंज को
विपक्षी खेमा के 10 पार्षदों मीना यादव-कौआकोल, जया देवी-कौआकोल, मीना कुशवाहा-वारिसलीगंज, राजीव कुमार-काशीचक, अर्जुन राम- रोह, चुन्नु सिंह-नारदीगंज, शंभू लाल-सिरदला, प्रभा सिंह-रजौली, जीवन लाल चंद्रवंशी-गोविंदपुर, अनवर भट-पकरीबरावां का साथ मिलना था। इस परिस्थिति में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को 17-8 से हारकर कुर्सी गंवानी थी।
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कुछ ने बदला पाला
-देर रात तक चले घटनाक्रम के बाद विपक्षी खेमे के दो पार्षदों अर्जुन राम-रोह और शंभू लाल अध्यक्ष के साथ हो लिए। इसकी आशंका कई दिनों से थी। अध्यक्ष को बचाने वाले तीन पार्षद कौन हैं और किसे खेमा के थे सस्पेंश बरकरार है। सूत्र की मानें तो दो विपक्ष का एक बागी खेमा का है।
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महागठबंधन का असर रहा : गया राम
नवादा : अपनी हार के बाद जिला परिषद उपाध्यक्ष गया राम ने कहा कि सूबे के महागठबंधन का असर सबसे पहले नवादा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में दिखा। जिले के दो ध्रुव कहे जाने वाले राजवल्लभ यादव व कौशल यादव अतिपिछड़ा अध्यक्ष व महादलित उपाध्यक्ष को अपदस्थ करने में एक ही प्लेटफार्म पर दिखे। फिर भी चार साल के राजनीति विश्वास और पार्षदों के सहयोग के बूते अध्यक्ष की कुर्सी बचाने में हमलोग कामयाब रहे। श्रीराम ने कहा कि गरीब दलित व अतिपछिड़ा वर्ग का अध्यक्ष-उपाध्यक्ष इन लोगों को रास नहीं आया। पेट में दर्द हो रहा था। बगैर किसी दोष के गलत आरोपों में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जबकि इस पद पर बैठाने में तब भी हिसुआ विधायक अनिल सिंह, अखिलेश सिंह, श्रवण सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। आत भी कुर्सी बचाने में इन लोगों का सहयोग रहा। अबतक इनलोगों ने अतिपिछिड़ा व महादलित को बोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। आने वाले चुनावों में महादलित व अतिपिछड़ा वर्ग के लोग इसका हिसाब चुकता करेंगे। अध्यक्ष ने भी अपने सहयोगी रहे पूर्व उपाध्यक्ष की राय से सहमति जताई है।
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