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सकुशल लौटे अपहृत स्वर्ण व्यवसायी व एमडीएम कर्मी

संवाद सूत्र, नवादा : नौ दिनों तक अपहर्ताओं की चंगुल में रहे भदोखरा ग्रामीण स्वर्ण व्यवसाई धनंजय व

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 09:50 AM (IST)
सकुशल लौटे अपहृत स्वर्ण व्यवसायी व एमडीएम कर्मी

संवाद सूत्र, नवादा :

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नौ दिनों तक अपहर्ताओं की चंगुल में रहे भदोखरा ग्रामीण स्वर्ण व्यवसाई धनंजय वर्मा व एमडीएम कर्मी अमरजीत शुक्रवार की अहले सुबह सकुशल घर वापस लौट गये। बताया जा रहा है कि परिजनों द्वारा फिरौती की मोटी रकम अदा करने के बाद अपहर्ताओं ने दोनों को मुक्त किया। हालांकि परिजन कुछ स्पष्ट नहीं बता रहे हैं। बहरहाल दोनों के सकुशल लौट आने पर परिजनों व ग्रामीणों में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। दोनों के सकुशल लौट आने की सूचना के बाद एसपी डा. परवेज अख्तर ने भदोखरा गांव पहुंच कर उनसे पूछताछ की। मुफस्सिल थानाध्यक्ष एनके सिंह भी गांव पहुंच कर उनसे जानकारी हासिल की।

अपहर्ताओं की चंगुल से मुक्त होकर लौटे धनंजय व अमरजीत ने बताया कि 15 अक्टूबर को घर लौटने के क्रम में सूमो गोल्ड वाहन पर सवार लोगों ने उन्हें इशारा देकर रोका। रुकते ही गाड़ी से दो युवक उतरे और उनसे गांव के रास्ते की जानकारी मांगी। इसी बीच अन्य अपराधी उतर कर उनकी बाइक की चाभी छीन ली और हथियार का भय दिखा कर गाड़ी पर सवार होने को कहा। उन्होंने बताया कि सवार होने के बाद मुफस्सिल थाना व बाइपास होते हुये गाड़ी निकल गई। मुफस्सिल थाना के पास शोर मचाने की कोशिश की तो उन लोगों ने हल्की पिटाई भी की। बाद में हाथ के नस में बेहोश करने वाली सूई लगा दी।

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- गया जिला के जंगली इलाकों में रखा गया था दोनों को

अपहरण के बाद दोनों को गया जिला के जंगली इलाकों में छिपा कर रखा गया। धनंजय बताते हैं कि जंगल में एक झोपड़ी में उन्हें बंद कर रखा गया था। हथियार से लैस अपराधी हमेशा साथ में रहते थे। उन्होंने बताया कि उनकी आंखों पर अपराधियों ने पट्टी बांध दी थी। पट्टी हटाने पर जान से मार दिये जाने की धमकी दी जाती थी। लिहाजा वे भय से पट्टी नहीं हटाते थे। अपराधी उन्हें समय पर भोजन भी कराते थे। जिसमें उन्हें कभी रोटी तो कभी भात खिलाया जाता था। इधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपहृत युवकों को गया जिला के चेरकी इलाके में रखा गया था।

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- 18 से 22 वर्ष के थे अपराधी

अपहर्ताओं की चंगुल से मुक्त होकर लौटे युवकों ने बताया कि अपहरण किये जाने के दौरान वाहन पर करीब 8 अपराधी सवार थे। सभी की उम्र 18 से 22 वर्ष की थी। इसके अलावा जंगल में और भी अपराधी थे जो कि युवा ही थे। उन्होंने बताया कि अपराधी हमेशा धीमी आवाज में बात किया करते थे, जिससे उनकी आवाज स्पष्ट नहीं सुनाई पड़ती थी।

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- अखबार पढ़ कर सुनाते थे अपराधी

युवकों ने बताया कि अपराधी प्रतिदिन उन्हें अपहरण से जुड़ी खबर पढ़कर सुनाते थे। सभी अखबारों में छप रही इस खबर को उन्हें पढ़कर सुनाया जाता था। अपराधी कहा करते थे कि काफी हाई प्रोफाइल मामला है।

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- भदोखरा गांव में खुशियों भरी दीपावली

दीपावली का त्योहार भदोखरा गांव में बहुत बड़ी खुशी लेकर आई। गांव के दोनों युवकों के अपराधियों की चंगुल से लौट आने के बाद गांव में खुशी का माहौल है। वहीं युवकों के परिजनों की खुशियां कई गुणा बढ़ गई है। धनंजय के लौट आने पर उसकी पत्‍‌नी व बच्चे काफी गदगद हैं। धनंजय के लिए तो यह दूसरी बार की नई जिंदगी है। वर्ष 2011 में भाई संजय की हत्या के दौरान वह भी अपराधियों की गोली का निशाना बना था। वहीं इस साल अपहर्ताओं का शिकार। दोनों बार उसे नई जिंदगी मिली। दूसरी ओर अमरजीत की मां व उसके भाई फूले नहीं समा रहे हैं। परिजन कहते हैं कि देवी-देवताओं की कृपा के कारण आज उनके घर में खुशियां लौट आई है।

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50 लाख चुकाया!

-चर्चा है कि दोनों के परिजनों ने 50 लाख रुपये फिरौती की रकम अदा की है। 40 लाख स्वर्ण व्यवसायी और 10 लाख एमडीएम कर्मी के परिजनों से अपहर्ताओं ने वसूली। वैसे परिजन कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। वहीं पुलिस फिरौती के लिए रकम चुकाये जाने पर चुप्पी साधे है। बहरहाल रकम जो हो इतना तो सभी मान रहे हैं कि मोटी रकम वसूलने के बाद ही दोनों को अपहर्ताओं ने गया में मुक्त किया।

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- क्या कहते हैं एसपी

अपहृत युवकों का सकुशल लौट आना काफी खुशी की बात है। अपराधी गिरोह की पहचान हो चुकी है। जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे।

डा. परवेज अख्तर, एसपी, नवादा।


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