बढ़ती तपिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
संवाद सहयोगी,नवादा: जिले में लगातार बढ़ती तपिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चैत माह में ही गर्मी के रिकार्ड ध्वस्त होने से हर तबका परेशान है। जलस्तर में गिरावट का दौर आरंभ हो गया है तो पशुओं के लिये पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 39 तो न्यूनतम 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में वृद्धि का क्रम जारी है।
सुबह होते ही धूल भरी पछुवा हवा के आरंभ होते ही नौ बजते-बजते आसमान से आग के गोले बरसने आरंभ हो जाते हैं। परिणाम है कि पशुओं के साथ खेतों में काम करने वाले मजदूरों को काम से वापस आने पर विवश होना पड़ता है। फिर कृषि कार्य पर गर्मी व लू का प्रभाव पड़ रहा है जिससे खेतों में तैयार फसलों की दौनी प्रभावित हो रही है तो कई किसानों की फसलें आग की भेंट चढ़ रही है। विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को तपती दुपहरी में घर वापस लौटने में परेशानी हो रही है तो वे बीमार हो रहे हैं।
सुबह के दस बजते-बजते खेत-खलिहानों, सड़कों से लेकर बाजारों तक में सन्नाटा छाना आरंभ हो जाता है जो चार बजे तक जारी रहता है। दिन में गर्मी तथा रात में मच्छरों के प्रकोप के कारण लोगों की नींद हराम हो गयी है। इसके साथ ही पेयजल संकट गहराना शुरू हो गया है। पशु-पक्षी पानी के लिये इधर-उधर भटकने लगे हैं तो जंगली जानवरों का पानी के लिये रिहायशी इलाकों में आना शुरू हो गया है। कुल मिलाकर चैत में ही गर्मी का यह हाल है तो आगे क्या होगा,यह सोचकर लोग परेशान हैं।