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अब ना ही सजेगा चौपड़ ना ही होगा द्रौपदी का चीरहरण...जानिए

नालंदा जिले के कछियामा पंचायत की सरपंच खुशबू देवी ने एक नई पहल की है। अब उस गांव में कोई जुआ और चौपड़ की बाजी नहीं लगा सकेगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 11:01 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 08:23 PM (IST)
अब ना ही सजेगा चौपड़ ना ही होगा द्रौपदी का चीरहरण...जानिए

नालंदा [सत्येन्द्र कुमार]। जिले के नगरनौसा प्रखंड की कछियामा पंचायत में अब जुआं की फड़ सजाने की बात गुजरे जमाने की बात हो गई है। फिर किसी 'द्रौपदी' का घर-आंगन जुआ- फड़ की भेंट नहीं चढ़े इसलिए महिला सरपंच ने अद्भुत साहस का परिचय दिया है।

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उन्होंने कछियामा पंचायत व अकैड़ा गांव में जुआं खेलने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। साथ ही पंचायत के सभी लोगों को चेतावनी दी है कि यदि जुआं खेलने की शिकायत मिली तो पुलिस बुलाकर गिरफ्तार करा दिया जाएगा। उनकी इस पहल की महिलाओं के साथ कुछ पुरुष भी प्रशंसा कर रहे हैं।

बड़े से लेकर बच्चे तक सजाते थे फड़

पंचायत के कछियामा और अकैड़ गांव में वर्षों से छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक जुआं में मशगूल रहते थे। शिकायत करने पर भी पुलिस किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करती थी। जुआ से परेशान कुछ ग्रामीणों ने हार कर इसकी लिखित शिकायत ग्राम कचहरी में की।

इसका संज्ञान लेते हुए सरपंच खुशबू कुमारी ने गांव में जुआं खेलने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। साथ ही सख्त आदेश दिए कि अगर इसके बाद जुआं खेलने की सूचना मिली तो पुलिस से गिरफ्तार कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।

आसान नहीं था रोक लगाने का फैसला

जुआं जैसी सामाजिक बुराई रोकने की शिकायत करने वालों की संख्या 15 थी और खेलने के शौकीन सैकड़ों में। ऐसे में वहां के लोगों की लत बन चुके जुआं पर रोक लगाना राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगाने जैसा था। बावजूद इसके बिना किसी हिचक व दबाव के महिला सरपंच खुशबू कुमारी ने जुआं पर पूर्णतय: रोक लगाने के लिए एकपल भी नहीं सोचा।

सख्ती का दिख रहा असर

प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कराने वाली नारी शक्ति एक-एक कर कई बड़ी सामाजिक बुराइयों की जड़ पर प्रहार कर रही है। एक वे घर में शौचालय बनाने के लिए दबाव बना रही हैं तो दूसरी ओर जुआं जैसी बड़ी सामाजिक बुराई के खिलाफ भी खड़ी हो गई हैं। घर की महिलाओं के सरपंच खुशबू कुमारी के साथ होने का ही असर है कि आजकल पुरुष जुआं खेलने से परहेज कर रहे हैं। गांवों की महिलाओं का कहना है कि जुआं बंद होने से घर में खुशहाली बढऩे के साथ अपराधों में भी कमी आई है।


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