Move to Jagran APP

सरकारी बैंकों की हड़ताल से सभी कामकाज ठप

नालंदा। यूनाईटेड फोरम बैंक आफ यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को जिले के तमाम सरकारी ब

By Edited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 03:10 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 03:10 AM (IST)
सरकारी बैंकों की हड़ताल से सभी कामकाज ठप

नालंदा। यूनाईटेड फोरम बैंक आफ यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को जिले के तमाम सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इस दौरान बैं¨कग से संबंधित सारे कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। हड़ताल पर जाने की मुख्य वजह राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण के तरफ ले जाना तथा सभी छोटे-छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में विलय करना है।

loksabha election banner

बड़े-बड़े एनपीए के लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार भारत सरकार है। जिसके लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। विजय माल्या जैसे कई बड़े-बड़े कारपोरेट है जिनका ऋण का भुगतान नहीं हो पाया है जबकि सरकार को सभी कुछ मुहैया करा दी गई है। बैंक पदाधिकारियों व कर्मियों ने कहा कि यदि सरकार नहीं मानी तो आगे भी हड़ताल का आह्वान किया जाएगा। बैंक के एक दिन के हड़ताल के कारण दस करोड़ से उपर का नुकसान हुआ है। जिसके लिए पूर्णत: सरकार जिम्मेवार है। हड़ताल में शामिल अधिकारियों ने कहा कि बैं¨कग सुधारों के खिलाफ सरकारी बैंकों के तमाम पदाधिकारी व कर्मी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए। बैंक यूनियनों ने सरकारी बैंकों के विलय और निजी बैंकों के विस्तार, कारपोरेट घरानों केा बैंक लाइसेंस जारी करने, बैंकों की एफडीआई की सीमा बढ़ाने का विरोध कर रही है। इधर बैंकों के हड़ताल पर जाने से व्यापारी वर्ग के लोगों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। हर दिन करोड़ रुपये बैँक से टर्न ओवर करने वाले व्यवसायी वर्ग व आम जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इधर जिले के तमाम बैँक सिर्फ मध्य बिहार ग्रामीण बैंक को छोड़कर सभी बैंकों में ताला लटका रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.