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पुलिस की होती कार्रवाई तो नाबालिग आत्महत्या को नहीं होती मजबूर

नालंदा। शहर के एक मोहल्ले में शनिवार को नाबालिग की फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामला अब तूल लेने ल

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 03:05 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 03:05 AM (IST)
पुलिस की होती कार्रवाई तो नाबालिग आत्महत्या को नहीं होती मजबूर
पुलिस की होती कार्रवाई तो नाबालिग आत्महत्या को नहीं होती मजबूर

नालंदा। शहर के एक मोहल्ले में शनिवार को नाबालिग की फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामला अब तूल लेने लगा है। इस घटना के बाद लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। लोगों को कहना है कि पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो परिजनों को यह दिन देखने को नहीं मिलता। लोगों की मानें तो अगर वरीय पुलिस पदाधिकारी मामले को संज्ञान में लें तो अब भी पूरे घटनाक्रम से पर्दा हट सकता है।

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शहर में यह घटना ऐसी जगह घटित हुई जहां पर वरीय अधिकारियों का निवास स्थान है। मृतक की मां ने यहां पर इसलिए मकान ले रखा था कि उनकी गैर हाजिरी में भी उनकी पुत्री सुरक्षित रहेगी। लेकिन उसे क्या पता था कि जिस सुरक्षित स्थान पर वह रह रहे थे वह उनके लिए काल बनकर आएगा। यहां बता दें कि बीते 8 मार्च को नाबालिग पुत्री को घर में अकेली छोड़कर ड्यूटी पर चली गई। इसके बाद पुत्री को घर में अकेला देख सुमका गांव निवासी प्रियरंजन उर्फ सोनू ने उससे दुष्कर्म कर मोहल्ले के लोगों को सकते में डाल दिया। इस घटना के बाद मोहल्ले के लोगों ने ही उक्त घटना को अंजाम देने वाले आरोपित की मोटरसाइकिल पुलिस के हवाले कर दी थी। इस बाबत जब थाने में इंसाफ की मांग गई तो पुलिस उसे संज्ञान में लेने के बजाए उस पर पर्दा डालने की कोशिश करता रहा।


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