तर्पण : बाबू जी के आशीष से परिवार में हैं खुशियां
नालंदा। मेरे पिता स्वर्गीय लाल बाबू प्रसाद जी का सन् 1992 में देहांत हो गया। वे हमारे प्रेरणा स्त्रोत
By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 02:54 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 02:54 AM (IST)
नालंदा। मेरे पिता स्वर्गीय लाल बाबू प्रसाद जी का सन् 1992 में देहांत हो गया। वे हमारे प्रेरणा स्त्रोत थे। उन्होंने न केवल अपना जीवन ईमानदारी व सादगी से व्यतीत किया बल्कि उन्होंने दूसरों को भी सच्चई के रास्ते पर चलने को प्रेरित किया। उनकी ईमानदारी व सादगी शहर के लिए उदाहरण है। वे अपने स्वच्छ छवि के कारण आज भी सिलाव में रहने वाले लोगों के दिलों में रचे बसे हैं उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उनके आशीष से आज भी पूरा परिवार हंसी-खुशी की ¨जदगी व्यतीत कर रहा है। वे सदैव घर-परिवार व समाज के उज्जवल भविष्य के बारे में सोचा करते थे।
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