नगर निगम चुनाव में चिलचिलाती धूप में भी मतदाताओं ने झोंकी ताकत
नालंदा। नगर निगम चुनाव में एक बार फिर शरीर को जला देने वाली भीषण गर्मी की परवाह किए मतदाताओं ने अपनी
नालंदा। नगर निगम चुनाव में एक बार फिर शरीर को जला देने वाली भीषण गर्मी की परवाह किए मतदाताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सुबह सात बजने से पहले ही शहर के अधिकांश बूथों पर महिला और पुरुष मतदाताओं की लंबी कतार लग गई। लोग अपनी बारी के इंतजार में कड़ी धूप में भी डटे रहे।
सुबह के 10.30 बजे तक मतदान का प्रतिशत 35 फीसद रहा। इसके बाद दोपहर होते ही मतदान की रफ्तार थोड़ी कम होंने लगी। लेकिन तीन बजे के बाद फिर मतदान की रफ्तार बढ़ी। कुल मिलाकर इस चुनाव में भी लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने चहेते को वोट करने के लिए जी-जान से जुटे रहे।
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एक बार फिर दिखा आधी आबादी का दबदबा
बिहारशरीफ : पूर्व की चुनाव की तरह इस बार के निकाय चुनाव में एक बार फिर आधी आबादी का दबदबा दिखा। सुबह से ही महिलाएं अपने-अपने बूथों पर मतदान करने के लिए कतार में आकर लग गई। इस दौरान गर्मी से परेशान भी दिखी, लेकिन वोट देने का जज्बा के आगे वे अपनी परेशानी को भी भूल गए। उन्होंने तो सिर्फ और सिर्फ अपने प्रत्याशी को विजयी माला पहनाने का जुनून सवार था। यही वजह थी कि सभी समाज की महिलाएं मतदान शुरू होने से पहले ही कतार में आकर लग गई। इस बीच पुलिस प्रशासन भी कतार में लगे लोगों को सहयोग करते देखे गए।
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चूल्हा-चाकी छोड़ महिलाएं निकली वोट देने
घर का सारा कामकाज छोड़ कर महिलाएं वोट देने के लिए निकल पड़ी। गर्मी अधिक होने के कारण लोग सुबह में इस काम से जल्दी ही निपटना चाह रहे थे। यही वजह है कि अधिकांश महिलाएं सुबह में ही मतदान करतीं देखी गई। मतदान करने वालों में 18 से लेकर 85 वर्ष तक की महिलाएं व पुरुष मतदान करते देखे। हालांकि वैसे लोगों को पुलिस व दंडाधिकारी तुरंत मतदान करने के लिए प्राथमिकता दे रहे थे।
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मतदाताओं के लिए ई-रिक्शा व ऑटो की भी पूरी व्यवस्था
बिहारशरीफ : निकाय चुनाव में इस बार मतदाताओं को मतदान केंद्र तक आसानी से पहुंचने के लिए प्रत्याशियों ने अपने स्तर से पूरा बंदोबस्त कर रखा था। लाचार और विवश को तो वाहन की सुविधा उपलब्ध थी ही, इसके अलावा अन्य लोगों को भी मतदान केंद्र तक आसानी से ले जाने के लिए ई-रिक्शा व आटो की व्यवस्था की गई थी। मोहल्ले से लेकर बूथों तक सुबह से ही सरपट ऑटो, ई-रिक्शा के अलावा रिक्शा दौड़ती रही।
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मतदाताओं को दिया जा रहा था पैकेट में नास्ता
इस बार के चुनाव में भले ही हार-जीत किसी की हो लेकिन मतदाता पूरी तरह से खुश थे। उन्हें प्रत्याशी की ओर से सुबह में ही पैकेट में नास्ता व विसलेरी पानी दी जा रही थी। वोट देने वाले व नहीं देने वाले भी इसका भरपूर उपयोग करते देखा गया। कुल मिलाकर मतदाताओं की बल्ले-बल्ले रही।
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बहती गंगा में हर कोई डूबकी लगाने को तैयार :
बिहारशरीफ : इस बार के निकाय चुनाव में वोटों की जमकर खरीद बिक्री हुई। एक तरफ प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए सारी हथकंडे अपना रहे थे तो दूसरी ओर मतदाता भी इसका भरपूर फायदा उठाने से नहीं चूके। कहने का तात्पर्य यह है कि बहती गंगा में हर कोई डूबकी लगाने से नहीं चूक रहा था। यह अलग बात है कि कुछ मतदाता ऐसे हैं जो पैसे के प्रलोभन में न आकर प्रत्याशी का व्यक्तित्व व उनके कर्मों को देखकर उन्हें मतदान किया।
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पांच से दो हजार रुपये में बेचे गए वोट
इस बार बाजार में एक वोट की कीमत पांच से लेकर दो हजार रुपये निर्धारित किया गया था। लोग अपने हैसियत के हिसाब से वोटरों को प्रलोभन व आश्वासन देकर निपटाते गए। हालांकि इसमें भी यह गारंटी नहीं कि जो लोग रुपये की इस खेल में शामिल हैं उन्हें पैसे देने के बाद भी वोट मिल जाए यह जरूरी नहीं है। लेकिन इस बार पैसे का खेल जमकर बाजारों में देखने को मिला।