व्यवसायी ने ही अपहरण की रची साजिश
नालंदा। अपहृत स्वर्ण व्यवसायी ने दोस्तों की मदद से अपने ही परिवार से लाखों रुपये ऐंठने की नियत
नालंदा। अपहृत स्वर्ण व्यवसायी ने दोस्तों की मदद से अपने ही परिवार से लाखों रुपये ऐंठने की नियत से अपहरण की साजिश रची थी। इस बात का खुलासा बुधवार को बिहारशरीफ में एसपी कुमार आशीष ने प्रेसवार्ता में की। पुलिस ने अपहृत बबलू वर्मा समेत चार लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
एसपी ने बताया कि 26 जून को स्वर्ण व्यवसायी बबलू वर्मा की पत्नी सिल्पी कुमारी ने पावापुरी ओपी में पति को अपहरण का मामला दर्ज कराई थी तथा मोबाइल से आठ लाख फिरौती के रूप में आपराधियों के द्वारा मांग किया जा रहा था तथा बताया जा रहा था कि यदि रुपये नहीं मिली तो बबलू की हत्या कर दी जायेगी। इस घटना के बाद राजगीर डीएसपी संजय कुमार के नेतृत्व में गिरियक थानाध्यक्ष महेश कुमार, सिलाव थानाध्यक्ष संतोष कुमार, सूचना इकाई के आलोक कुमार के साथ एक टीम गठन किया गया था। पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए अपहरणकर्ता का नाम व पता का सत्यापन किया। सत्यापन के बाद पुलिस ने सिलाव के धरहरा गांव निवासी सोनू कुमार उर्फ विकास, रतन कुमार कुमार, शोभनगर के चंदन कुमार की पहचान की। पुलिस ने अपहृत स्वर्ण व्यवसायी व तीनों अपहरणकर्ता का मोबाइल सर्विलांस की मदद से बुधवार को चंडी के सालेपुर मोड़ से अपहृत सहित अपहरणकर्ताओं को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तारी कर ली गई है। पुलिस हिरासत में आए अपहृत व तथाकथित अपहरणकर्ता आपस में दोस्त हैं। पूछताछ के बाद अपहृत बबलू वर्मा ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि दोनों दोस्तों की मदद से अपने भाई से मोटी राशि लेने का साजिश रची थी। एसपी ने बताया कि स्वर्ण व्यवसायी बबलू लव मैरेज शादी किया था। इसके बाद परिजनों ने इसे किसी प्रकार की सम्पत्ति नहीं दिया था। इसलिए ठगी का जाल बुनकर अपने भाईयों से रुपया ऐंठने की साजिश रची थी। अपहृत एवं तीनों तथाकथित अपहणकर्ता द्वारा एक षडयंत्र के द्वारा किये गये कृत्य से ठगी, धोखाधड़ी, जाल दस्तावेज बनाकर मोबाइल के सीम का उपयोग करना तथा सरकारी तंत्र का उपयोग करने से संबंधित तथ्य बनता है। उन्होंने इस कांड के उदभेदन करने में सफलता पाने वाले पुलिस पदाधिकारियों को पुरस्कृत करने की बात कही। छापेमारी में चंडी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार, गिरियक थाना के राजेश कुमार सहित पुलिस बल शामिल थे।