निर्धारित समय में सुनिश्चित कराएं दाखिल- खारिज : डीएम
नालंदा। आरटीपीएस के तहत लोगों को दी जाने वाली सेवाओं की समीक्षा करते हुए डीएम डा. त्यागर
नालंदा। आरटीपीएस के तहत लोगों को दी जाने वाली सेवाओं की समीक्षा करते हुए डीएम डा. त्यागराजन एसएम ने कहा कि सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंड के आरटीपीएस केन्द्रों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि ऐसी सूचना मिल रही है कि नागरिकों को प्रखंड एवं अंचल स्तर पर आरटीपीएस की सेवाओं का प्रदान करने में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि आन लाइन रिपोर्ट में सिर्फ डिस्पोजल दिखा देने से काम नहीं चलेगा। लोगों को वास्तविक रूप से समय पर सेवा मिलनी चाहिए।
डीएम ने कहा कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि दाखिल-खारिज के मामले में जानबूझ कर देरी की जा रही है एवं लोगों को परेशान किया जा रहा है। ऐसा करने वाले चाहे वे पदाधिकारी हो या कर्मी या फिर आईटी सहायक किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आरटीपीएस के प्रभारी पदाधिकारी वरीय उपसमाहर्ता बृजेश कुमार को निर्देश दिया कि वे सभी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कराएं एवं इस अधिनियम अन्तर्गत दी जाने वाली सभी प्रकार की सेवाओं के डिलेवरी की नियमित समीक्षा करें। बैठक में तत्काल सेवा अन्तर्गत दी जाने वाली जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र के डिलेवरी के स्थिति की भी समीक्षा की गई। डीएम ने बताया कि छात्रों के जरूरत व उनके समय की महत्ता को देखते हुए सरकार ने जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र को तत्काल सेवा के अन्तर्गत रखा था जिसे किसी भी हालत में दो दिनों के अंदर बनाकर देना था। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप हर हालत में आवेदकों को दो दिनों में सेवाएं मिलनी चाहिए। बैठक में यह बात उभर कर सामने आई कि कुछ साइबर कैफे के द्वारा जाति आवासीय व आय प्रमाण पत्र मामले में आवेदकों को गुमराह किया जाता है एवं गड़बड़ी भी की जाती है। जिलाधिकारी ने सभी एसडीओ व बीडीओ व सीओ को जिला में संचालित ऐसे साइबर कैफे पर छापेमारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जो पदाधिकारी समय पर सेवा प्रदान नहीं किया है उप पर कार्रवाई करने से नहीं हिचकें। आरटीपीएस अन्तर्गत सेवा प्रदान करने में सिलाव सबसे उपर व रहुई सबसे पीछे पाया गया। बैठक में डीडीसी कुंदन कुमार, एसडीओ सुधीर कुमार, वरीय उपसमाहर्ता ब्रजेश कुमार, राम बाबू, रविन्द्र रजक, सभी बीडीओ आदि उपस्थित थे।