सैंड आर्ट पर भगवान बुद्ध की आकृति
नालंदा। महोत्सव स्थल के मुख्य पंडाल के वीआईपी गेट के समिप पूर्वी चम्पारण के बनकटवा प्रखंड स्ि
नालंदा। महोत्सव स्थल के मुख्य पंडाल के वीआईपी गेट के समिप पूर्वी चम्पारण के बनकटवा प्रखंड स्थित बीजवनी गांव के शिल्पकार मधुरेन्द्र कुमार नें बालू के ठेर पर भगवान बुद्व की बेहतरीन आकृति उकेरी है। जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। उन्होनें रेत के ठेर पर रत्नागिरि पर्वत को उकेरते हुये भगवान बुद्व की आकृति को अपनें हाथों से उकेर कर कलाकृति का बेहतरीण नमूना पेश किया है। उनकी यह आकृति लोगों को नायस हीं अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। कोई भी उनका इस कलाकृति को देखता है प्रशंसा किए बिना नहीं रहता। बताते चलें कि पिछले महोत्सव इसी मधुरेन्द्र ने भीम और जरासंध के मलयुद्ध की सुन्दर आकृति बालू के ठेर पर बनाया था । जिसकी सराहना सबों ने कि थी। यहां तक कि मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी नें भी इसकी सराहना करते हुए कलाकार मधुरेन्द्र कुमार की प्रशंसा कि थी। इस बार भी मधुरेन्द्र कुमार भगवान बुद्व की आकृति को उकेर कर काफी प्रसंन्न हैं। उन्होनें कहा कि यहां के लोगों का मांग था कि राजगीर भगवान बुद्व की नगरी है। यही के रत्नागिरि पर्वत पर भगवान बुद्व की प्रथम बौद्व संगिनी हुई थी। सो लोगों ने भगवान बुद्व की आकृति का निर्माण करने को कहा। उन्होंने कहा कि मुझे भी भगवान बुद्व की आकृति उकेर कर काफी अच्छा लग रहा है। बताते चलें कि मधुरेन्द्र कुमार ने मूर्तिकला में कला व शिल्प महाविद्यालय आरा से बीएफए की ड्रिगी प्राप्त की है। मध्यवर्गीय किसान शिव कुमार साह के पुत्र मधुरेन्द्र कुमार का प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक आश्रम में हुआ था।