द बर्निग ट्रेन होने से बची डीएमयू पैसेंजर ट्रेन
नालंदा । राजगीर-बख्तियारपुर डीएमयू पैसेंजर ट्रेन शुक्रवार की सुबह द बर्निग ट्रेन होने से बाल-बाल बच
नालंदा । राजगीर-बख्तियारपुर डीएमयू पैसेंजर ट्रेन शुक्रवार की सुबह द बर्निग ट्रेन होने से बाल-बाल बच गई। दरअसल राजगीर रेलवे स्टेशन से गाड़ी संख्या 73253 डीएमयू पैंसेजर 10.55 बजे जैसे ही खुली की ट्रेन के भीतर यात्रियों ने आग लगने की बात कह शोर-मचाना शुरू कर दिया। स्टेशन प्रबंधक एनके मिश्रा व रेलवे के कर्मियों ने बिना समय गंवाए ट्रेन को रोक कर तत्काल उस बोगी का बिजली कनेक्शन काट दिया और पैसेंजरों को उतार कर अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पा लिया। इस दौरान प्लेटफार्म नम्बर तीन पर यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। आगलगी का कारण शाट सर्किट बताया जा रहा है।
बताया जाता है कि स्टेशन पर खड़ी एक बोगी के प्रवेश द्वार से सटे कम्पार्टमेंट में शर्ट-सर्किट हो गई। इसके वजह से आग की चिंगारी निकलने लगी। बताया जाता है कि बिजली के तार पर अत्यधिक लोड होने से ऐसा हुआ, जिसे काटकर हटा दिया गया। इसके बाद तार का मरम्मत कर ठीक किया गया।
2011 में भी सारनाथ ट्रेन में भी लगी थी आग
वर्ष 2011 में भी राजगीर से खुलने वाली सारनाथ ट्रेन में रात्रि 11.30 बजे शाट सर्किट से गार्ड बागी में आग लग गई थी। इसमें करोड़ों के सामान की क्षति हुई थी। लेकिन पैंसेजर बाल-बाल बच गए थे। यदि गार्ड बोगी के अलावा पैसेंजर बोगी में अगलगी की घटना होती तो चलती ट्रेन में जानमाल की काफी क्षति होती। लेकिन गार्ड की बोगी में आग लगने से तत्काल गाड़ी रोक कर उसपर काबू पाया गया।
डेढ़ घंटे विलंब से खुली ट्रेन
राजगीर-बख्तियारपुर डीएमयू सवारी गाड़ी घटना के डेढ़ घंटे बाद यानी 10.55 की जगह 12 बजे राजगीर से बख्तियारपुर के लिए रवाना किया गया। स्टेशन प्रबंधक एनके मिश्रा ने बताया कि ट्रेन विलंब होने के कारण राजगीर-हावड़ा का समय हो चुका था, इसलिए उसे पहले रवाना किया गया। बाद में इसे खोला गया।