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नालंदा फलों का हब बनने को तैयार

नालंदा । जिले के किसानी के हर क्षेत्र में बढ़चढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पहले यहां के किस

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 01:03 AM (IST)
नालंदा फलों का हब बनने को तैयार

नालंदा । जिले के किसानी के हर क्षेत्र में बढ़चढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पहले यहां के किसानों धान की बुआई की आधुनिक पद्धति श्री विधि को अपनाया, जैविक सब्जी की खेती की शुरूआत नालंदा के किसानों ने किया। अब पारी है बाग-बगीचे लगाने की यहां के किसान बाग-बगीचे लगाने के लिए होड़ लगा दिए हैं। जहां एक तरफ लोग बाग-बगीचे को बरबाद कर रहे हैं। उंची कीमत के लालच में वहीं नालंदा के किसान फलदार वृक्ष लगाकर अपनी आय बढ़ाने पर लगे हुए हैं। जिले में लगभग हजार एकड़ में आम, अमरूद, मौसमी तथा महाराष्ट्र के भूसावल में पाए जाने वाले जी-9 प्रवेध के केला का बाग लगा चुके हैं। नूरसराय प्रखंड के अजयपुर पंचायत के अजनौरा गांव निवासी रौशन कुमार अकेले एक एकड़ जमीन में दुधिया मालदह, मौसमी तथा अमरूद का बगीचा लगा रखा है। उसी प्रकार चंडी प्रखंड के ढकनियां निवासी सुरेन्द्र सिंह अपने निवास स्थान पर ही एक एकड़ जमीन में विभिन्न किस्म के फलदार वृक्ष तथा जड़ी-बुटियों के बगीचा तैयार किए हैं। इसी प्रकार नूरसराय प्रखंड में ही बारा गांव में अनेकों किसानों ने बगीचे लगाए हुए हैं। थरथरी प्रखंड के भटहर में भी बड़ा बगीचा तैयार हो गया है। यहां के किसान सैकड़ों एकड़ में जी-9 प्रवेध का केला का बगीचा लगाकर अपनी आमदनी में बेहतर इजाफा कर रहे हैं।

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कहते हैं किसान

किसान रौशन कुमार ने कहा कि पहले गांव में कई लोगों के पास बाग-बगीचे हुआ करते थे। लेकिन अब लोग कुछ पैसे के लालच में उसको कटवाते जा रहे हैं। जबकि अगर बगीचे में लगे फलदार बृक्षों में फल आ जाय तो धान, गेहूं से कई गुना ज्यादा आमदनी हो जाएगी। वे प्रति वर्ष पचास हजार रुपए से ज्यादा की आमदनी अपने एक एकड़ में लगे बगीचे से करते हैं। दूसरा फायदा है पर्यावरण संतुलन को यह बाग बनाए रखता है।

सरकार से मिलता है अनुदान

सहायक निदेशक बागवानी विभाग से बाग-बगीचे लगाने वाले किसानों को तीन किस्तों में अनुदान की भुगतान किया जाता है। जब शुरूआती दौर पर बगीचा लगाने किसान को पहला किस्त 45 सौ, दूसरा किस्त 18 सौ तथा तीसरा किस्त 36 सौ यानि की 99 सौ रूपए अनुदान के रूप में दिया जा रहा है। वहीं फलदार वृक्ष जैसे आम-अमरूद के पौधे मुफ्त दिए जा रहे हैं।

बागवानी मिशन करा रहा उपलब्ध

बाग-बगीचे लगाने वाले किसानों को बरसात में बागवानी मिशन लगभग चौदह हजार पौधे आम के बांटने जा रहा है। इसमें आम के निम्न प्रवेध के पौधे रहेंगे। मालदह, आम्रपाली, मल्लिका, बांबे तथा गुलाब खास प्रवेध मुख्य है। इसके अलावा लाखों पौधे केला का मशहूर प्रवेध जी-9 का भी वितरण कराने की तैयारी बागवानी विभाग ने कर ली है। बागवानी मिशन अपने इस्लामपुर नर्सरी में आठ-नव हजार आम के पौधे तैयार कर चुका है। इसके अलावा शेष पौधे वह बाहर के नर्सरी से मंगवाएगा।

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कहते हैं पदाधिकारी

जिले के किसान पुश्तैनी खेती के अलावा अब नगदी के तरफ ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। यहीं कारण है कि अब जिले के किसानों रूझान फलदार वृक्षों के बगीचे लगाने में ज्यादा बढ़ गया है। जिले के अधिकांश किसान आम-अमरूद, केला तथा मौसमी के बगीचे लगा रहे हैं।

संजय कुमार, सहायक निदेशक बागवानी मिशन


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