प्रथम गुरु हमारे माता-पिता होते हैं : जागृत भानु
नालंदा । अनुमंडल के हसनपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजनोत्सव हर्षोल्लास के साथ
नालंदा । अनुमंडल के हसनपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजनोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान व्यास पूर्णिमा महर्षि वेद व्यास के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत पूजा-अर्चना कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। निदेशक जागृत भानु प्रकाश ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर गुरु पूर्णिमा के महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि हमारे जीवन के प्रथम गुरु माता-पिता होते हैं। जिनके लालन-पालन के सानिध्य में सांसारिक दुनिया की प्रारंभिक आवश्यकताओं को सीखते हैं। प्राचार्य सुमंत कुमार ने गुरु शब्द के अर्थ पर कहा कि गुरु का मतलब अंधकार यानी अज्ञान एवं रूपी प्रकाश होता है। कार्यक्रम प्रमुख फणीश्वरनाथ ने कहा कि गुरु शिष्य का संबंध पवित्र सेतु की भांति होता है। इस अवसर पर अमन कुमार सिंह, मुख्य शिक्षक अरविन्द कुमार, मंडल कार्यवाह रामचन्द्र मंडल आदि उपस्थित थे।्र
गुरु की परंपरा भारत तक ही नहीं है सीमित
शहर के विभिन्न स्थानों में शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाया गया। स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ रामचन्द्रपुर के प्रांगण में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा गायत्री परिवार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आजाद की आत्मा की शांति के लिए पांच मिनट गायत्री मंत्र का मौन जाप किया गया। जिला संयोजक वीर अभिमन्यु सिंह ने कहा कि डा. कलाम धरातल से जुड़े हुए व्यक्ति थे और वे युगो-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। देव संस्कृति विवि शांतिकूंज हरिद्वार के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 9 दिसम्बर 2006 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. कलाम ने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारी नई पीढ़ी के अंदर नैतिकता से संबंधित सृजनशीलता व परिर्वतन को बढ़ावा देने में निश्चित रूप से उपयोगी होगा। इस मौके पर युदुनंदन प्रसाद, रामावतार सिन्हा, वीरमणी कुमार, अनिल प्रसाद आदि उपस्थित थे। इधर पतांजलि योग समिति के तत्वावधान में सोहसराय योग पार्क में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर योग शिक्षक सुजीत कुमार, संगीता कुमारी, सुनैना देवी, सुशीला देवी, शिवेन्द्र कुमार, पारस कुमार, मुकेश कुमार आदि उपस्थित थे।