मैत्री प्रगाढ़ता को पहुंचा वियतनामी कारवां
बिहारशरीफ । सांस्कृतिक आदान प्रदान व मैत्री प्रगाढ़ता को ले वियतनामी पत्रकारों का दस सदस्यीय दल रविव
बिहारशरीफ । सांस्कृतिक आदान प्रदान व मैत्री प्रगाढ़ता को ले वियतनामी पत्रकारों का दस सदस्यीय दल रविवार को नालंदा की धरती पर पहुंचा। दल का नेतृत्व कर रहे वियतनामी पत्रिका एन हम डैन के मुख्य संपादक तुहान हूं ने नालंदा की धरती को शांति व शिक्षा का केन्द्र बताते हुए कहा कि इस पावन धरा पर पहुंचकर वे गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने न केवल इस धरा को नमन किया, बल्कि नालंदा के एक एक कण को समझने का प्रयास भी किया। हिन्दी व अंग्रेजी भाषा बोलने में असमर्थ तुहान हू ने द्विभाषीय की मदद से अपनी दिल की बातें कही। उन्होंने कहा कि हम दिल से दिल जोड़ने आए हैं। वियतनाम के लोगों के दिलों में भारत का सम्मान चरम पर है। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के मैत्री संबंध में प्रगाढ़ता लाने के अलावे पर्यटन को बुलंदियों पर पहुंचाना भी उनका उद्देश्य है। विदेश मंत्रालय के एकस्टर्नल पब्लिक सिटी व पब्लिक डेप्लोमेसी के माध्यम से आयोजित इस मैत्री यात्रा में आयें वियतनाम के प्रमुख समाचार पत्रों के संपादक सहित कई मुख्य रिर्पोटर मौजूद थे, जिन्होंने नालंदा की धरती को शांति का स्वर्ग बताया। तुहान ने कहा कि नालंदा से भारत की पहचान है। हमें इस अद्भूत धरा की गरिमा को हर हाल में बचाना है। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें आपार शांति मिल रही है। यहां की यादें अविस्मरणीय रहेगी। नालंदा अवलोकन के बाद पत्रकारों का दल सीधे गृद्धकूट पर्वत पहुंचा। जहां लोगों ने पूजा अर्चना की। इस मौके पर वियतनामी समाचार पत्र नाहन डैन के मुख्य संपादक एचई थाउन ने कहा कि उनकी यात्रा सुखद व प्रेरणा से परिपूर्ण है। उन्होंने नालंदा को सीखने व समझने की धरती बताते हुए कहा कि उनका सपना नालंदा में रहकर अध्ययन करने की है। वहीं एक प्रमुख विभाग के डाइरेक्टर रहे धीन मिन्ह राजगीर की वादियों को देख मंत्रमुग्ध हो गए। इस पूरे कार्यक्रम में प्रशासन भी काफी चुस्त दुरूस्त दिखा।