प्रोन्नति पर रोक के विरोध में फूटा आक्रोश
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति पर रोक लगाने के विरोध में शुक्रवार को समा
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति पर रोक लगाने के विरोध में शुक्रवार को समाहरणालय में तमाम अधिकारी व कर्मी आदोलित हो गए। अपने एक दिन के साकेतिक आदोलन के तहत अधिकारियों तथा अन्य कर्मियों ने बाह पर काली पट्टी बाधकर सरकार से अपना विरोध जताया। सरकारी कार्यालयों में काली पट्टी बांधकर अपने कायरें को निष्पादित किया। इस आदोलन में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के साथ अन्य संगठनों के अलावा चिकित्सा सेवा, इंजीनियरिंग सेवा सहित सत्रह संगठनों ने हिस्सा लिया। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने भी अपना सक्रिय तथा नैतिक समर्थन देते हुए उनके साथ ही खुद भी काला बिल्ला लगाया।
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इनसेट
अधिकारी से लेकर चपरासी तक आदोलित
फोटो-29 बीआइएच 22 एवं 23
चित्र परिचय-काला बिल्ला लगाकर संचिका निपटाते एसडीएम एवं काला बिल्ला लगकर काम करते कर्मचारी संघ के अध्यक्ष व अन्य कर्मी
जागरण संवाददाता, शेखपुरा : सरकारी नौकरियों में प्रमोशन पर लगे रोक के विरोध में शुक्रवार को जिला में चपरासी से लेकर अधिकारी तक आदोलित हो गए। अपने एक दिन के साकेतिक आदोलन के तहत अधिकारियों तथा अन्य कर्मियों ने बाह पर काली पट्टी बाधकर सरकार से अपना विरोध जताया। इस आदोलन में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के साथ अन्य संगठनों के अलावा कई विभागों, इंजीनियरिंग सेवा सहित सत्रह संगठनों ने हिस्सा लिया। शेखपुरा जिला में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने भी अपना नैतिक समर्थन देते हुए काला बिल्ला लगाया। इस बाबत कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पाडेय ने बताया कि सरकार के इस कदम से राज्य में लाखों अफसरों तथा कर्मियों का प्रमोशन रुक गया है। उन्होंने बताया कि शेखपुरा जिला में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ अपनी पूरी ताकत के साथ आदोलन में शरीक हैं। इधर बिहार प्रशासनिक सेवा के जिला सचिव तथा शेखपुरा के एसडीएम सुबोध कुमार ने बताया कि शुक्रवार को एक दिन के साकेतिक हड़ताल में काला बिल्ला लगाने के बाद अब राज्य नेतृत्व जो भी अगला कदम उठाएगा। शेखपुरा जिला में संघ उसका पालन किया जाएगा। संघ के सचिव ने कहा कि हाई कोर्ट ने अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन ने आरक्षण देने की व्यवस्था पर रोक लगाई है। मगर सरकार ने इस मामले में दोबारे कोर्ट में जाकर अन्य सभी समुदाय के कर्मियों तथा अधिकारियों के प्रमोशन पर रोक लगा कर लाखों सरकारी सेवकों के प्रमोशन का रास्ता बंद कर दिया है।