सरकारी स्कूलों में बच्चे पी रहे दूषित पानी
जासं शेखपुरा : शेखपुरा जिला सहित समूचे बिहार में पिछले एक सप्ताह से मनाये जा रहे ग्रामीण पेयजल तथा स
जासं शेखपुरा : शेखपुरा जिला सहित समूचे बिहार में पिछले एक सप्ताह से मनाये जा रहे ग्रामीण पेयजल तथा स्वच्छता सप्ताह का आज समापन हो रहा है। इस दौरान लाखों रुपए पानी की तरह बहाकर लोगों को स्वच्छ पानी के सेवन के साथ स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। मगर जिले में इस अभियान का दूसरा पहलू यह भी है कि आम घरों तथा सार्वजनिक स्थानों को छोड़ दें तो जिले के दर्जनों सरकारी स्कूलों में हजारों बच्चे फ्लोराइड से दूषित पानी पीने को विवश है। जब खुद पिछले साल सरकार ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों के पानी के नमूने की जाच कराई है। इस जाच की रिपोर्ट भी विभाग तथा स्कूलों को मिल गई है। इस बाबत जिला जल स्वच्छता मिशन से जुड़े एक अधिकारी तथा तकनीशियन ने बताया कि बच्चों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के तहत सरकार ने पिछले साल जिला के सभी 478 प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों के चापाकलों के पानी के नमूने की जाच कराई गई थी। इस बाबत पीएचइडी विभाग से मिली जानकारी में बताया गया कि जिला के 478 में से 414 स्कूलों के पानी के नमूने की जाच की गई थी। इसमें 54 स्कूलों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है। विभाग की तकनीशियन इंदु कुमारी ने फोन पर बताया कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा प्रति लीटर 1.5 सीएमपी से ऊपर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। मगर जिला के 54 स्कूलों में इसका स्तर रेड लाइन से ऊपर पाया गया है। कुमारी ने बताया कि कई स्कूलों में तो यह स्तर तीन तक पाया गया है। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाया गया है। वहा फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लाट लगाने की कार्यवाही की जा रही है। इधर इस संबंध में जब विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने खुद को अस्पताल में भर्ती रहने की बात कहकर कुछ बताने से इंकार कर दिया। इस बाबत जिला मुख्यालय स्थित तरछा मीडिल स्कूल के एचएम कुन्दन कुमार ने बताया कि पिछले साल पानी का जो नमूना जाच के लिए भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। अनजाने में इसी पानी का इस्तेमाल पीने में तथा एमडीएम बनाने में भी किया जा रहा है।