जदयू की बैठक में संगठन को नई मजबूती देने का निर्णय
जागरण संवाददाता, शेखपुरा : महाविलय की चल रही राजनीतिक प्रक्रिया के बीच शुक्रवार को शेखपुरा में जिला
जागरण संवाददाता, शेखपुरा : महाविलय की चल रही राजनीतिक प्रक्रिया के बीच शुक्रवार को शेखपुरा में जिला जदयू की बैठक बुलाकर पार्टी के संगठन को नई धर तथा मजबूती देने का निर्णय लिया गया। पटना में दो दिनों की नीतीश क्लास में मिले टास्क को पार्टी के पदाधिकारियों तथा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों में बाटने के लिए शुक्रवार की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष डा.अर्जुन प्रसाद ने की। इसमें पार्टी के राज्य परिषद् के सदस्य विनोद पासवान तथा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव प्रो. राजेंद्र यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गुलाम रब्बानी के अलावे पार्टी से जुड़े रामसुरेश यादव, सुरेंद्र राउत, कौशलेंद्र कुमार, श्याम किशोर प्रसाद, राजीव रंजन उर्फ गुरु जी, उमेश पटेल, शिवनंदन सिंह सहित कई ने भाग लिया। बैठक में कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को पार्टी का संगठन मजबूत करने तथा भाजपा से मुकाबला करने को तैयार रहने को कहा गया। बैठक में कार्यकर्ताओं को अगाह किया गया कि भाजपा जदयू तथा सरकार को बदनाम करने के लिए हर गेम खेलेगी, उसके गेम को फेल करने के लिए जदयू के कार्यकर्ता को सजग तथा अपने तरफ से तैयार रहना होगा। इस बाबत जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का राजद के साथ महाविलय ऊपर के बड़े नेताओं का काम है। मगर नीचे जमीनी स्तर पर जदयू के संगठन को मजबूत करने में पार्टी के निचले स्तर के नेता तथा कार्यकर्ता अपना कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिन तक पटना में नीतीश कुमार द्वारा लिए गये क्लास में मिले टास्क को पूरा करने के लिए पार्टी के सभी प्रकोष्ठों को जिम्मेवारी दी गई है।
बैठक से नदारद रहे कई नेता
शेखपुरा : शुक्रवार को बुलाई गई पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक से कई नेता नदारद रहे। पहले से कहा तो गया था कि इस बैठक में जिला से लेकर ब्लाक के सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष के साथ जिला स्तर के सभी पार्टी पदाधिकारियों को बुलाया गया है। मगर शुक्रवार को बैठक से कई प्रकोष्ठों तथा पार्टी के अन्य नेता गायब रहे। इस बाबत एक नेता ने बताया कि बैठक की जानकारी दो-तीन पहले मीडिया को मिल जाती है। मगर हम पार्टी पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती है। उक्त नेता ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि एक खास घेरे से जिला में जदयू का संगठन बाहर निकल ही नहीं रहा है। ऐसे में संगठन को नुकसान हो सकता है।