चार दिवसीय अनुष्ठान पर्व का समापन
संवाद सूत्र, चंडी (नालंदा) : लोक आस्था व सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व के अंतिम दिन उदयीमान सूर्
संवाद सूत्र, चंडी (नालंदा) : लोक आस्था व सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व के अंतिम दिन उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर संपन्न हो गया। गाव और शहर के महिलाओं ने एक जगह एकत्रित होकर उदयाचल के साथ-साथ अस्तचलागामी सूर्य को दूध और जल अर्पित कर धार्मिक आस्था जाहिर की। वहीं व्रतियों ने बास से बने सूप और दउरा में ठेकुआ और फलों से सजाया गया। 36 घंटे के उपवास रहकर नदी, जलाशय में कमर भर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को सुबह चार बजे से ही सूर्य उगने का इंतजार किया और सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य अर्पित कर अपने और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। उसके बाद अन्न,जल ग्रहण कर पारण किया। वहीं रूखाई गाव के विद्या भूषण शाही ने बताया की छठ महापर्व में सूर्य ही नहीं संपूर्ण प्रकृति के प्रति भी प्रेम प्रकट किया जाता है। सूर्योपासना का यह महापर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तिथि को प्रात: समाप्त हो जाता है।