बाढ़ राहत बांटने गए ग्राम सेवक को मारपीट कर भगाया
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : रहुई प्रखंड के पतासंग पंचायत में स्थित विद्यालय में बाढ़ राहत वितरण करने गए ग्राम सेवक को ग्रामीणों ने मारपीट का भगा दिया। अमरपुर व डिहरा के ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय जन प्रतिनिधि व कर्मचारी की मिलीभगत से राहत वितरण में घोर अनियमितता बरती गई है। अपने चहेते को छोड़ अधिकांश गरीबों का नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है। वितरण के दौरान जब अधिकांश गरीबों का नाम सूची में नहीं पाया गया तो वे लोग उग्र हो गए और बवाल काटने लगे। इतना ही नहीं विरोध करने पर ग्राम सेवक अवधेश पासवान की पिटाई भी की गई और बिना राहत सामग्री बांटे ही उसे भगा दिया गया। बहरहाल राहत वितरण को लेकर रहुई प्रखंड के कई गांवों में अब भी लोगों का आक्रोश पनप रहा है। यह आक्रोश किसी दिन भी फूट सकता है। इधर इसी प्रखंड के पेशौर पंचायत के अनन्तपुर गांव के सैकड़ों महादलित व अति पिछड़ी जाति के ग्रामीणों ने सोमवार को समाहरणालय पहुंच कर राहत सामग्री की मांग को ले बवाल काटा। ग्रामीणों ने बताया कि पंचाने नदी की कहर से उनका पूरा गांव बाढ़ की पानी से डूब गया। कई घर ध्वस्त हो गए। खेतों में लगे फसल बर्बाद हो गए। घर में खाने की कोई समान नहीं है। इसके बावजूद स्थानीय जनप्रतिनिधि ने इस गांव को बाढ़ राहत से उपेक्षित कर दिया। इस संदर्भ में मुखिया व सरपंच एक दिन भी गांव देखने नहीं आये और घर बैठे ही गलत सूची बनाकर प्रखंड में पेश कर दिया गया। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंप दिया। इधर सरमेरा के बड़ी मल्लामा के ग्रामीणों ने राहत सामग्री को लेकर जिलाधिकारी के समक्ष न्याय की गुहार लगाई। लोगों का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि व कर्मचारी की मिलीभगत से हम ग्रामीणों को बाढ़ राहत से वंचित रखा गया है। ग्रामीणों ने कहा कि पांच हजार की आबादी के बीच बाढ़ से घिरे लोगों के पास राहत सामग्री अब तक नहीं पहुंची है जिसके कारण हम सभी भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं यदि हम ग्रामीणों को तत्काल राहत सामग्री मुहैया नहीं कराई गई तो भूखे मरने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा। ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ के कारण कई मकान ध्वस्त हो गए हैं लोगों को रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।