सिंचाई सुविधा नहीं दे पा रही सरकार : सत्यानंद
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : औसत से कम बारिश होने की वजह से बिहार में किसानों की स्थिति भयावह हो गई है। सुखाड़ के कारण कई इलाके में धान की रोपनी नहीं हुई है। सरकार के निकम्मेपन की वजह से किसानों की हालत खराब हो रही है। वह सिंचाई सुविधा तक उपलब्ध नहीं करा पाई। वह द्वंद्व में फंसी है कि प्रशासन की रिपोर्ट को सही मानें या नहीं। स्थानीय परिसदन में लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक ओर पदाधिकारियों की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया वहीं कृषि मंत्री पदाधिकारियों की रिपोर्ट को सही मान रहे हैं। ऐसे में किसानों के समक्ष विकट परिस्थिति आ गई है। उन्होंने कहा कि बारिश व सिंचाई का साधन नहीं होने की वजह से बिहार में कई जगहों पर धान की रोपनी नहीं हो पाई। विगत आठ वर्षो में सिंचाई में, नदियों को जोड़ने व जलश्रोतों को बनाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। सरकार की नीयत व नियति देखकर ऐसा लगने लगा है कि यहां सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। शर्मा ने कहा कि नालंदा, नवादा, गया, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, बांका, औरंगाबाद में सिंचाई की कोई साधन उपलब्ध नहीं है। नालंदा जिले में जो नलकूप पहले से लगा है वे लगभग मृतप्राय हो चुका है। मुश्किल से दस फीसदी ही चालू अवस्था में है। ऐसी स्थिति में किसान मौत के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने राज्य सरकार को वार्न करते हुए कहा कि समय रहते यदि किसानों को राहत नहीं पहुंचाई गई तो उनकी क्या दुर्दशा होगी इसका मंथन जरूर कर लेना चाहिए। लोजपा नेता ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए डीजल सब्सिडी, बीज तथा पटवन के लिए गांव-गांव में बिजली की उपलब्धता कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि लोजपा का प्रस्तावित राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर पहले पूना में रखा गया था लेकिन गत 24 जुलाई को पटना में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान, चिराग पासवान, पशुपति कुमार पारस, सत्यानंद शर्मा व ललन सिंह के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि अब यह सम्मेलन आगामी 28 से 30 नवम्बर तक राजगीर में होगा। इस सम्मेलन में पूरे देश के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, सभी सांसद, विधायक, कार्यकर्ता व सभी स्तर के तकरीबन चार हजार लोग शिरकत करेंगे। इसके लिए तैयारी अभी से आरंभ कर दी गई है।
इस मौके पर लोजपा के जिलाध्यक्ष राजू पासवान, अजीत गोप, विष्णु पासवान, रामानंद शर्मा, मुरारी प्रसाद यादव, शैलेन्द्र कुमार, शिव कुमार कुशवाहा, रामजी पासवान, अरविन्द वर्मा, योगेन्द्र पासवान, पिंटू पासवान, संजीव कुमार पिंटू, सत्येन्द्र मुकुट, संजय कुमार आदि शामिल थे।