नालंदा महाविहार के खाते से 14.9 लाख की फर्जी निकासी
संवाद सूत्र, सिलाव (नालंदा) : डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त नवनालंदा महाविहार के केनरा बैंक में अवस्थित खाते से दो चेकों के जरिए फर्जी तरीके से 14 लाख 90 हजार रुपये निकाल लिए जाने की सूचना है। इसका पता तब लगा जब महाविहार की ओर से दो लोगों को भेजे गए चेक उन्हें नहीं मिले और उन्होंने इसकी सूचना महाविहार को दी। जांच के दौरान फर्जी तरीके से निकासी की बात सामने आने पर महाविहार प्रबंधन ने यहां फर्जी निकासी की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
महाविहार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना के भुपेन्द्र कलसी को महाविहार की ओर से परीक्षा संबंधी काम के एवज में पिछले दिनों 750 रुपये का भुगतान चेक संख्या 351513 के द्वारा किया गया था। चेक को रजिस्ट्रर्ड डाक से नालंदा पोस्ट आफिस के जरिए दिनांक 5 जून 14 को कलसी के पते पर पटना भेजा गया था। इसकी प्रकार चेक संख्या 351517 के माध्यम से 782 रुपये का चेक पटना के सियाशरण तिवारी को रजिस्टर्ड डाक से ही पटना भेजा गया था। लेकिन दोनों ने नवनालंदा महाविहार के परीक्षा नियंत्रक को स्पीड पोस्ट के माध्यम से सूचित किया कि भेजे गए डाक में चेक है ही नही। दोनों ने खाली रजिस्टर्ड पत्र मिलने की बात कही। इसपर महाविहार ने जब केनरा बैंक में स्थित अपने खाता संख्या 1193201000135 की जांच कराई तो पता चला कि दीपा कृष्ण मंघरे नाम के किसी व्यक्ति ने चेक संख्या 351513 के जरिए 750 रुपये के बदले 7 लाख 11 हजार रुपये की निकासी कर ली है। इसी प्रकार सिया शरण तिवारी के नाम से जारी 882 रुपये के चेक (संख्या 35151) के जरिए उसी जाल साज व्यक्ति दीपा कृष्ण मंघरे ने ही अवैध तरीके से 788 हजार सात लाख अठासी हजार रुपये निकाल लिए।
इस संबंध में महाविहार ने नालंदा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा फर्जी निकासी करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी की मांग की है। उधर मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि इस मामले में बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। रजिस्टर्ड डाक से चेक गायब हो जाने के मामले में डाक विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में आ गई है।