काली घटा से सुबह हो गई 'शाम'
रोहिणी नक्षत्र रविवार को भी मेहरबान रही।
मुजफ्फरपुर। रोहिणी नक्षत्र रविवार को भी मेहरबान रही। सुबह लगभग नौ बजे आकाश काले-काले बादलों से घिर आया। काली घटा से एक बारगी अंधेरा छाने लगा। सुबह कुछ देर के लिए 'शाम' में बदल गई। इसके बाद तेज हवा के साथ शुरू हुई मूसलधार बारिश, जो लगभग 45 मिनट तक चली। बारिश व तेज हवा से तापमान में गिरावट आई और भीषण गर्मी से राहत मिली।
अगले चार दिनों में और वर्षा की संभावना : अगले माह मानसून आ रहा है। मानसून पूर्व वर्षा ने खेती किसानी के लिए बेहद अनुकूल मौसम बना दिया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा व भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 27 से 31 मई तक के मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि उत्तर बिहार में और वर्षा होगी। वर्तमान मौसमीय सिस्टम के प्रभाव में तराई के जिलों में अधिक वर्षा (15 से 20 मिमी) होगी। इसका प्रभाव मैदानी भागों के जिलों में भी पड़ सकता है। अधिकतम तापमान 33 से 36 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इस अवधि में 8 से 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूरबा हवा बहेगी। सापेक्ष आर्द्रता का स्तर सुबह में 85 से 95 फीसद के बीच व दोपहर में 55 से 65 फीसद के बीच रहेगा।
किसानों के लिए समसामयिक सुझाव :
- लंबी अवधि वाले धान की किस्मों जैसे राजश्री, राजेंद्र श्वेता, स्वर्णा, स्वर्णा सब-1, सत्यम, किशोरी की नर्सरी तैयार करें।
- एक हेक्टेयर में रोपनी के लिए आठ सौ से एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज की बुआई करें।
-नर्सरी की चौड़ाई 1.25 से 1.5 मीटर तथा लंबाई अपनी सुविधा अनुसार रखें।
- बीज की बुआई से पहले उसे बविस्टिन की दो ग्राम मात्रा से प्रति किलोग्राम की दर से बीजोपचार करें।
- वर्षा का लाभ उठाते हुए उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित किस्में सुआन, देवकी, शक्तिमान-1, शक्तिमान-2, राजेंद्र शंकर मक्का-3, गंगा-11 की बुआई करें।