घोटालों की हो जांच, घोटालेबाज जाएं जेल
उपमहापौर व वार्ड पार्षदों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा।
मुजफ्फरपुर। नगर निगम में हो रहे घोटालों की जांच, उजागर करने वाले तीन पार्षदों पर नगर आयुक्त द्वारा करार गए मुकदमे को वापस लेने व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन को हटाकर निगम में आइएएस नगर आयुक्त प्रतिनियुक्त करने की मांग को लेकर उपमहापौर व वार्ड पार्षदों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। गुरुवार को वक्ताओं ने कहा कि सरकार निगम में व्याप्त अनियमितताओं, सरकारी राशि की बंदरबाट व घोटालों की जांच कराए तथा घोटालेबाजों को जेल भेजे। नगर आयुक्त के नेतृत्व में विकास के नाम पर सरकारी राशि की लूट का खेल लंबे समय से है। न इसे रोकने वाला कोई था और न ही टोकने वाला। वार्ड पार्षदों ने जब लूट के खिलाफ आवाज उठाई तो नगर आयुक्त ने जात-पात की राजनीति से जोड़कर झूठा मुकदमा कर दिया। ऐसे विकासविरोधी, दलितविरोधी व भ्रष्ट नगर आयुक्त को निगम से विदा करना होगा। वक्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
धरने को उपमहापौर व पार्षदों के साथ-साथ पूर्व पार्षद संजय पासवान, रामेश्वर पासवान, सुरेश कुमार चौधरी, कांग्रेस नेता मयंक कुमार मुन्ना, कानू समाज के नेता डॉ. महेश महेश गुप्ता, अधिवक्ता राजेश अनुपम, जिला भाजपा उपाध्यक्ष हरिमोहन झा, विनोद अग्रवाल, अमित रंजन अधिवक्ता संजय सिन्हा आदि ने संबोधित किया।
आंदोलन को मिला कर्मचारियों का साथ
धरने के दूसरे दिन उपमहापौर व पार्षदों को निगमकर्मियों का भी साथ मिला। नगर निगम कामगार यूनियन एवं नगर निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ धरने में शामिल हुआ। बिहार लोकल बॉडीज इम्प्लाइज फेडरेशन के महामंत्री उमेश्वर ठाकुर ने कहा कि निगम में कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के महामंत्री राजकिशोर सिंह ने कहा कि निगम प्रशासन न सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाए का भुगतान कर रहा है और न ही समय पर उनके पेंशन का भुगतान कर रहा है। उनकी मांगों को लंबित रखा गया है। नगर निगम कामगार यूनियन के नेता रमेश ओझा ने कहा कि उपमहापौर ने कर्मचारियों के दर्द को समझा है। लेकिन, अपने को दलितों का मसीहा समझने वालों ने कभी निगम के अस्सी प्रतिशत दलितों की सुध नहीं ली। धरने में रामसेवक साह, कुशेश्वर राम, चैती देवी, रामफेरन झा समेत दर्जनों सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भाग लिया।
बंद हो घोटाले को जातिगत रंग देने का खेल : उपमहापौर
उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने कहा है कि हम निगम में हो रहे घोटालों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे, वहीं कुछ लोग इसे जातिगत रंग देकर सरकारी राशि लूटने वालों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे निगम के उन कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ रहे, जिनका शोषण नगर आयुक्त कर रहे हैं। निगम के अस्सी प्रतिशत कर्मचारी दलित समाज से आते हैं। उनका शोषण करने वाले नगर आयुक्त भी दलित हैं।