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शिक्षा की चाहत, संसाधनों की कमी से आहत

संसाधनों के बिना ही स्कूलों के उत्क्रमण का 'खेल' चल रहा है। उत्क्रमित किए जाने से पहले स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण नहीं किया गया। मुशहरी प्रखंड के उत्क्रमित हाईस्कूल पकड़ी इस्माइल का अपना भवन नहीं है। छात्रों को डेस्क-बेंच नसीब नहीं है।

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 02:34 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 02:34 AM (IST)
शिक्षा की चाहत, संसाधनों की कमी से आहत

मुजफ्फरपुर। संसाधनों के बिना ही स्कूलों के उत्क्रमण का 'खेल' चल रहा है। उत्क्रमित किए जाने से पहले स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण नहीं किया गया। मुशहरी प्रखंड के उत्क्रमित हाईस्कूल पकड़ी इस्माइल का अपना भवन नहीं है। छात्रों को डेस्क-बेंच नसीब नहीं है। उन्हें जमीन पर ही बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। नवम वर्ग में 350 और दशम में 171 छात्र नामांकित हैं। स्कूल में पहली से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। वर्ग कक्ष की कुल संख्या सात बताई गई है। माध्यमिक स्कूल में चार शिक्षक हैं। सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित व अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक हैं। वहीं पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक हैं।

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शिक्षक के अभाव में पढ़ाई नहीं

चार शिक्षकों के जिम्मे पांच सौ से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेवारी है। नौवीं एवं दसवीं कक्षा में छात्र-छात्राओं का नामांकन तो ले लिया गया, लेकिन अभी तक कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं। नौवीं में अब तक दो कक्षाएं चलीं, जबकि 10वीं में एक भी नहीं। बता दें कि स्कूल में पढ़ाई को लेकर चार दिन पूर्व छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था। स्कूल परिसर से लेकर सड़क तक जमकर बवाल काटा था। कक्षा में रखे डेस्क-बेंच को तोड़कर आग के हवाले कर दिया था।

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परित्यक्त भवन में होती पढ़ाई

-उत्क्रमित हाईस्कूल खबड़ा में तीन जर्जर कमरों में चलतीं संयुक्त कक्षाएं

-नवम व दशम में नामांकन नहीं, लेकिन चार-चार शिक्षक बहाल

मुजफ्फरपुर : तीन कमरे वह भी जर्जर। चार कमरे व बरामदा परित्यक्त है। पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने की जगह नहीं। संयुक्त कक्षाएं चलती हैं। 2013 में संसाधनविहीन मुशहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय खबड़ा को हाईस्कूल में उत्क्रमित किया गया। स्कूलों की स्थलीय जांच के बिना ही उत्क्रमित करने का खेल चला। जहां आठवीं कक्षा तक के बच्चों को बैठाने की जगह नहीं, वहीं नवम व दशम कक्षा में कैसे पढ़ाई होगी? सबसे बड़ी बात यह कि नवम व दशम वर्ग में नामांकन नहीं, लेकिन चार-चार शिक्षकों की बहाली हो गई। ¨हदी, अंग्रेजी, सोशल साइंस व साइंस में एक-एक शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी नवम वर्ग में नामांकन को लेकर दबाव बना रहे हैं। लेकिन उन बच्चे को कहां पढ़ाया जाएगा, इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेते हैं।

शिफ्ट करने की कवायद

परित्यक्त भवन में चल रहे उत्क्रमित हाईस्कूल खबड़ा को शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। प्रधानाध्यापक सुमंत कुमार से प्रस्ताव मांगा गया है। होम फॉर द होमलेस, बारमदपुर, मध्य विद्यालय मझौलिया का प्रस्ताव भेजा गया है। जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद दूसरे स्कूल में शिफ्ट कराया जाएगा।

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बिना लैब विज्ञान की पढ़ाई

-हाल सराय सैयद अली बालिका उच्च विद्यालय का

-10 साल से गणित व संस्कृत के शिक्षक नहीं

मुजफ्फरपुर: शहर के सराय सैयद अली बालिका उच्च विद्यालय की छात्राएं बिना लैब विज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं। लैब की सामग्री कार्टन में बंद है। दूसरी ओर गणित व संस्कृत में तो 10 वर्ष से शिक्षक ही नहीं हैं। नवम वर्ग में 329 व दशम वर्ग में 349 छात्राएं नामांकित हैं। इन छात्राओं को पढ़ाने के लिए 11 शिक्षक हैं। प्रधानाध्यापक फैज अहमद की मानें तो इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। शिक्षा विभाग को बार-बार पत्र देने के बावजूद गणित व संस्कृत विषय में शिक्षक नहीं दे रहे हैं।

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शिक्षक व भवन पर विद्यार्थी नहीं

-मुखर्जी सेमिनरी प्लस टू स्कूल में 113 छात्रों पर 13 शिक्षक

-माध्यमिक व प्लस टू के लिए अलग-अलग लैब की व्यवस्था नहीं

मुजफ्फरपुर : शहर के मुखर्जी सेमिनरी प्लस टू स्कूल के पास भवन व शिक्षक हैं। लेकिन छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम है। 11 व 12वीं दोनों कक्षा में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 113 है। चालू शैक्षणिक सत्र में साइंस में 11, कला में 17 व कामर्स में सात छात्र हैं। जबकि बारहवीं में 78। लैब और लाइब्रेरी की स्थिति बेहतर नहीं है। माध्यमिक व प्लस टू के लिए अलग-अलग लैब की व्यवस्था नहीं है। प्रधानाध्यापक डॉ. ईला सिन्हा ने बताया कि अधिक से अधिक नामांकन को लेकर प्रयास जारी है।

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