मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: सीबीआइ को मिले अहम सबूत, खुलेंगे कई राज
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच के लिए सीबीआइ और केंद्रीय फोरेंसिक लैब की टीम शनिवार की सुबह बालिका गृह पहुंची है। संभवतः आज परिसर की फिर से खोदाई हो सकती है।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले की जांच तेज कर दी गई है। शनिवार की सुबह सीबीआई और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम मामले में आगे की जांच के लिए बालिका गृह पहुंची और काफी छानबीन की। जानकारी के मुताबिक बालिका में टीम को कुछ दवाएं मिली हैं जिनकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही कई कागजात भी मिले हैं।
टीम ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद से पूछताछ शुरू कर दी है। अभी तक राहुल से इस मामले में पूछताछ नहीं हुई थी। वह पहली बार सामने आया है।
जांच में दूध का दूध व पानी का पानी सामने आ जाएगा
ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद ने मीडिया को बताया कि सीबीआइ पर उसे भरोसा है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उसने भी बालिका गृह में किसी राजनेता के आने के आरोप को खारिज किया। कहा, एक बार निरीक्षण के लिए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा यहां आई थीं।
सीबीआइ को जांच में वह सहयोग कर रहा। हाल के दिनों में जमीन बेचे जाने को लेकर उसने कहा कि आय के स्रोत बंद हो गए। जमीन बेचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। मालूम हो कि राहुल ने 31 जुलाई को बोचहां की जमीन बेची थी।
बालिका गृह के बंद कमरे खुलवाए गए
इससे पहले सुबह यहां पहुंची टीम ने मजिस्ट्रेट शीला रानी गुप्ता की मौजूदगी में बालिका गृह का कमरा खोलवाया। कई कमरों का ताला तोड़वाया गया। फोरेंसिक टीम ने यहां की एक-एक चीज का जायजा लिया। महिला थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी को जांच के दौरान साथ रखा गया है। सीबीआइ जांच से पहले वह इस कांड की अनुसंधानक (आइओ) थी। वहीं सभी फाइलों की शुरुआती जांच के बाद सीबीआइ उसे अपने साथ ले जाने के लिए सूचीबद्ध भी कर रही।
हर जगह की ली गई मापी
टीम ने बालिका गृह परिसर के चप्पे-चप्पे की मापी की। मुख्य प्रवेश द्वार, ऊपर जाने वाली सीढिय़ां समेत छोटे-बड़े दरवाजे की लंबाई-चौड़ाई का जायजा लिया गया। वहीं टीम ने बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन की पत्नी के बयान का वीडियो भी मंगाया है।
फोरेंसिक टीम ने दोबारा लिया मिट्टी का सैंपल
बालिका गृह कांड की जांच सीबीआइ ने तेज कर दी है। शनिवार सुबह नौ बजे से सीबीआइ के डीआइजी अभय कुमार के नेतृत्व में करीब दो दर्जन अधिकारियों ने यहां छानबीन शुरू कर दी है। इसमें सीबीआइ की फोरेंसिक टीम भी है। यह टीम साइंटिफिक साक्ष्य जुटाने में लगी है। जेसीबी मशीन बालिका गृह परिसर के पास मंगाई गई है।
माना जा रहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी अलग से यहां की मिट्टी का सैंपल लेगी। इससे पहले बिहार पुलिस ने जांच के दौरान परिसर की खोदाई करवाई थी। उसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। वहीं मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद से भी पहली बार पूछताछ की है। जांच के करीब छह घंटे पूरे हो गए हैं।
इससे पहले बिहार पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यहां खोदाई कराई थी, जिसमें कुछ नहीं मिल सका था और परिसर की मिट्टी को फोरेंसिक विभाग को जांच के लिए भेजा गया था। बालिका गृह की लड़कियों ने एक लड़की की हत्या कर परिसर में शव को दफनाने की बात कही थी। हालांकि, अभी पिछली खोदाई के बाद जो मिट्टी फोरेंसिक लैब भेजा गई थी उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।