मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे अधिकारी
बीएसएनएल कार्यालय में अधिकारियों की लंबित मांगों को लेकर तीन दिवसीय भूख हड़ताल मंगलवार से शुरू हो गई।
मुजफ्फरपुर। बीएसएनएल कार्यालय में अधिकारियों की लंबित मांगों को लेकर तीन दिवसीय भूख हड़ताल मंगलवार से शुरू हो गई। कंपनीबाग स्थित कार्यालय में अधिकारियों ने भूख हड़ताल कर धरना दिया और नारेबाजी की। यह हड़ताल बीएसएनएल प्रबंधन द्वारा गठित की गई संयुक्त कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करने के विरोध में की जा रही है। बीएसएनएल के अधिकारी बीके वर्मा ने बताया कि 42 हजार से ज्यादा अधिकारी यूनाइटेड फोरम ऑफ एक्जीक्यूटिव एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार से तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2007 में 800 से अधिक अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण हुआ। उससे संबंधित मामलों का समाधान 9 वर्ष बीतने के बाद भी नहंी हो सका जिससे हजारों की संख्या में एक्जीक्यूटिव प्रभावित हो रहे हैं। देवेश कुमार ने कहा कि सभी अधिकारी बीएसएनएल को लगातार प्रगति के पथ पर ले जाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रहे है। अगर लंबित मांगों को पूरा कर दिया जाए तो सभी का मनोबल बढ़ेगा। एन. नागमणि ने कहा कि इन मुद्दों का निपटारा नहीं होने से अधिकारियों में काफी असंतोष है। मौके पर नारायण भट्ट, बालचंद्र भट्ट, विनोद कुमार, वीरेंद्र कुमार, मनीष मिश्रा, गणेश गौरव, रामेंद्र यादव, संतोष सदन, महेश कुमार, बीपी गुप्ता, अशोक कुमार और उदय कुमार आदि थे।
ये है मांग
- जेटीओ/जेएओ एवं एसडीई /एओ के लिए मानक वेतनमान ई-2 एवं ई-3 तथा पे-पैरिटी को लागू करें।
- बीएसएनएल के द्वारा नियुक्त किए गए एक्जीक्यूटिव को 30 प्रतिशत सेवा निवृत्ति लाभ दिया जाए।
- बीएसएनएल में कार्यरत सभी एक्जीक्यूटिव को समयबद्ध कार्यात्मक प्रमोशन/सीपीएसई कैडर वर्गीकरण पद्धति लागू हो।
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