भूमि विवाद में हुई मारपीट में दूसरे जख्मी ने भी तोड़ा दम
करजा थाना क्षेत्र के रूपौली में बुधवार को भूमि विवाद में कुदाल व फरसे से हुई मारपीट में जख्मी दूसरे व्यक्ति युगल चौधरी की शुक्रवार को तड़के सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई।
मुजफ्फरपुर। करजा थाना क्षेत्र के रूपौली में बुधवार को भूमि विवाद में कुदाल व फरसे से हुई मारपीट में जख्मी दूसरे व्यक्ति युगल चौधरी की शुक्रवार को तड़के सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही इस मामले में मृतकों की संख्या दो हो गई। वहीं, अब भी जख्मी सुमन चौधरी व रामबालक चौधरी का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने शव का पोस्टर्माटम कराकर परिजनों को सौंप दिया। बतातें चलें कि बुधवार की दोपहर भूमि विवाद में जमकर मारपीट हुई थी। इस दौरान कुदाल, फरसा व लाठी-डंडे से मारपीट कर चार लोगों को जख्मी कर दिया गया था। इसमें गोपाल चौधरी व युगल चौधरी की मौत हो चुकी है। मामले में सुमन चौधरी के बयान पर गुरुवार को अंजनी चौधरी, अनोज चौधरी, दीपक चौधरी, मोनू व विकास के खिलाफ मारपीट व हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
फिर फूटा आक्रोश, सड़क जाम
करजा थाना क्षेत्र के रूपौली में भूमि विवाद में हुई दो की हत्या मामले में करजा थानाध्यक्ष की निष्क्रियता को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। जैसे ही जख्मी युगल चौधरी की मौत की खबर मिली ग्रामीण व परिजन आक्रोशित हो उठे। करजा थानाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुजफ्फरपुर-देवरिया मार्ग को चकबरकुरबा स्कूल के समीप बांस- बल्ला लगाकर जाम कर दिया। इस दौरान समझाने पहुंचे प्रमुख पति मो. जाबिर हुसैन, मुखिया मुकुंद कुमार, दीपक तिवारी, पानापुर ओपी प्रभारी नसीम अहमद, जैंतपुर ओपी प्रभारी संजय पाठक की बातों को लोगों ने मानने से इंकार कर दिया। बाद में पहुंचे सरैया अनुमंडल डीएसपी मदन कुमार आनंद व प्रशिक्षु डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोग थानाध्यक्ष पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा रहे थे। लोगों का कहना था कि डीएसपी के आश्वासन के बावजूद थानाध्यक्ष न एक बार गांव में आईं, न हीं परिजनों का हाल जाना। इस दौरान हत्यारोपी खुलेआम गांव में घूमते रहे जिससे परिजन लगातार दहशत में हैं। लोग घटनास्थल पर एसएसपी व डीएम को बुलाने, मृतक के परिजनों को पूर्ण सुरक्षा देने व अविलंब आरोपी की गिरफ्तारी व कुर्की जब्ती की मांग पर अड़े थे। बाद में पहुंचे पश्चिमी डीएसपी अजय कुमार से भी मृतक की महिला परिजन उलझ गईं व तुरंत न्याय की मांग करने लगी। महिलाओं का कहना था कि पुलिस और कितनी मौत का इंतजार कर रही है। अंत में पूर्व मंत्री ई. अजीत कुमार को आगे आना पड़ा व परिजनों व ग्रामीणों को समझा बुझा कर किसी तरह पांच घंटे बाद जाम समाप्त कराया। बाद में पूर्व मंत्री ई कुमार ने ग्रामीणों व पश्चिमी डीएसपी के साथ बैठक की। पूर्व मंत्री ने पुलिस को अल्टीमेटम दिया कि दो दिनों के अंदर परिणाम नहीं मिलने पर वे खुद पश्चिमी क्षेत्र की सभी सड़कों को जाम करेंगे। डीएसपी ने परिणाम हर हाल में देने का आश्वासन दिया।