वाहन जांच का असर, लाइसेंस को कतार
मुजफ्फरपुर : वाहन जांच ने जिला परिवहन कार्यालय को गुलजार कर दिया है। जुर्माने के डर से वाहन मालिक ड्
मुजफ्फरपुर : वाहन जांच ने जिला परिवहन कार्यालय को गुलजार कर दिया है। जुर्माने के डर से वाहन मालिक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लिए बेचैन हो उठे हैं। काउंटर खुलने से पूर्व ही लाइसेंस बनवाने वालों की लंबी कतार लग जाती है। वाहन मालिकों की बेचैनी से दलाल चांदी काट रहे हैं। युवतियों एवं महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। परिवहन कर्मी पर काम का बोझ बढ़ गया है। निश्चित समय पर काम पूरा करने के लक्ष्य ने इनकी डयूटी की समय सीमा को लील लिया है। अधिकतर कर्मी देर शाम तक काम निपटाते नजर आते हैं। अवकाश के दिन भी इन्हें डयूटी से मुक्ति नहीं मिलती।
दलालों की रहती 'गिद्ध' नजर
जिला परिवहन कार्यालय आने वाले वाहन मालिकों पर दलालों की गिद्ध नजर है। वे जल्दी काम कराने का झांसा देकर वाहन मालिकों को चुना लगाते हैं। दोपहिया एवं चारपहिया वाहन के लर्निग लाइसेंस में मात्र 140 रुपये का खर्च होता है, मगर दलाल 1500 रुपये में सौदा तय करते हैं। परमानेंट बनवाने का सौदा 2000-2500 तक में तय करते हैं। राशि लेने के बाद वे समय पर काम कराने के अपने वायदे से मुकर जाते हैं और मजबूर वाहन मालिक उनके पीछे लगे रहते हैं। कई बार दोनों के बीच नोकझोंक एवं मारपीट की नौबत आ जाती है। वाहन मालिक दलालों के झांसे में आकर रुपये एवं समय की बर्बादी तब कर रहे हैं जब हर काम से संबंधित जानकारी एवं काम पूरा होने की निर्धारित समय अवधि की सूचना कार्यालय परिसर में चस्पा है।