जमीन ली 16 डिसमिल, मुआवजा तीन का
मुजफ्फरपुर : रघई पुल के लिए अपनी लगभग सारी जमीन दे दी। मकान भी। यह सोचकर कि लोगों को पुल का लाभ मिले
मुजफ्फरपुर : रघई पुल के लिए अपनी लगभग सारी जमीन दे दी। मकान भी। यह सोचकर कि लोगों को पुल का लाभ मिलेगा। मगर, उसे छलने की कोशिश की गई। अब वृद्ध दंपति शेष मुआवजे को लेकर महीनों से जिला भू-अर्जन कार्यालय के चक्कर लगा रही।
मीनापुर के रघई निवासी गंगजली देवी व शिवनंदन साह के पांव के इतना में दम नहीं कि वे अधिक भाग-दौड़ कर सकें। मगर, उसके मंदबुद्धि पुत्र लालबाबू साह के नाम से केवाला करीब 16 डिसमिल जमीन पुल के लिए अर्जन किए जाने के बाद पूरा मुआवजा नहीं मिलने से कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा।
जिला भू-अर्जन कार्यालय के बाहर बैठीं गंगजली देवी कहती हैं, तीन डिसमिल का ही मुआवजा अब तक मिला है। अब रोज-रोज भागदौड़। यह जानती तो जमीन नहीं देती। शिवनंदन साह का भी यही दर्द है। हालांकि, कार्यालय के कर्मचारी ने बताया कि जमीन का पता नहीं चल पाया था। इसकी मापी कराई गई है। रिपोर्ट आने के बाद शेष राशि के भुगतान की कार्रवाई की जाएगी।
जमीन देने के बाद भी परेशानी क्यों
जिला भू-अर्जन कार्यालय के सामने लगने वाली भीड़ से अगर सवाल पूछें तो जवाब हमेशा दर्द वाला ही मिलेगा। कोई वर्षो से मुआवजे के लिए चक्कर लगा रहा तो कोई महीनों से। शिवनंदन साह व गंगजली देवी जैसे कई लोग प्रतिदिन यहां के चक्कर काटते नजर आते हैं। जबकि सीधा सी बात है कि उसकी जमीन भू-अर्जन में ली गई तो मुआवजा मिल जाना चाहिए। यहां सवाल उठता है कि उन्हें बेवजह क्यों दौड़ाया जाता।