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शाही लीची बगान देख गदगद हुए वैज्ञानिक

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर की शाही लीची देखने बगान पहुंचे अलग-अलग राज्य के लीची वैज्ञानिक। झपहां में उद

By Edited By: Published: Wed, 25 May 2016 01:46 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 01:46 AM (IST)

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर की शाही लीची देखने बगान पहुंचे अलग-अलग राज्य के लीची वैज्ञानिक। झपहां में उद्यान रत्‍‌न किसान भोलानाथ झा के बगान में लीची की लाली को देख वैज्ञानिकों की टोली गदगद रही। इस बाग पर शोध करने का निर्णय लिया गया। श्री झा ने कहा कि वे सालों भर बाग प्रबंधन पर ध्यान देते हैं तथा राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं। एक पेड़ से ढाई से तीन क्विंटल लीची निकल रही है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री व अन्य वीआइपी को उनके बाग से लीची भेजी जा रही है।

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किसानों का मॉडल है यह बाग

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ.विशाल नाथ ने बताया कि बाग प्रबंधन व जल प्रबंधन व पोषण प्रबंधन बेहतर है। श्री झा ने अनुसंधान केंद्र की तकनीक से उत्पादन बढ़ाया है। किसानों को सलाह दी कि वे इस बाग प्रबंधन की तकनीक को अपनाएं। टीम में राष्ट्रीय शोध सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ.डी शिखामणि, डॉ.डीएस खुर्दिया, पश्चिम बंगाल के वरीय उद्यान वैज्ञानिक डॉ.शिशिर मित्रा, गुजरात के रसायन वैज्ञानिक डॉ.जीतेंद्र कुमार, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के डॉ.एसके पूर्वे, डॉ.एसडी पांडेय, डॉ.अमरेंद्र कुमार, डॉ.कुलदीप श्रीवास्तव व डॉ.आलोक कुमार शामिल रहे। मौके पर किसान नेता वीरेंद्र राय, चंदेश्वर चौधरी आदि मौजूद थे।


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