सेटिंग से परीक्षा पास कराने के रैकेट में कई बड़े चेहरे
मुजफ्फरपुर। बैंक, एसएससी समेत कई सरकारी विभागों की प्रतियोगिता परीक्षा में सेटिंग कर पास कराने वाले
मुजफ्फरपुर। बैंक, एसएससी समेत कई सरकारी विभागों की प्रतियोगिता परीक्षा में सेटिंग कर पास कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद जांच में कई बड़े चेहरे सामने आए हैं। बैंकों व अन्य विभागों के बड़े अधिकारियों से भी इनके तार जुड़े हैं। पुलिस को इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। विशेष जांच टीम के अधिकारी पटना, रांची, दिल्ली, लखनऊ व इलाहाबाद समेत कई जगहों की पुलिस से संपर्क में हैं। जल्द ही कुछ अन्य की गिरफ्तारी हो सकती है।
ऐसे हुआ बड़े गिरोह का खुलासा
बता दें कि रविवार को एसएससी की परीक्षा के दौरान विवि थाना क्षेत्र के एलएस कॉलेज से गोलू कुमार, सदर थाना क्षेत्र के सुस्ता माधोपुर स्थित एक बीएड कॉलेज परीक्षा केंद्र से अरविंद कुमार, नगर थाना क्षेत्र के मारवाड़ी हाईस्कूल परीक्षा केंद्र से सुधीर कुमार और विजय कुमार को दबोचा गया था।
अरविंद के सहारे संतोष तक
एसएससी परीक्षा में स्कॉलर की भूमिका निभाने वाले अरविंद से पूछताछ के बाद पुलिस टीम भगवानपुर स्थित यूको बैंक की शाखा के कर्मचारी संतोष तक पहुंची। उसके पास से जब्त लैपटॉप, मोबाइल, ई-मेल और उसके व्हाट्सएप को जब खंगाला गया तो कई चौंकाने वाली जानकारी मिली। लैपटॉप में कई ऐसे साक्ष्य पुलिस को मिले हैं, जिसके सहारे अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
पटना से आए साइबर एक्सपर्ट
पूछताछ में पता चला है कि संतोष साइबर का भी एक्सपर्ट है। वह बैंक में ज्यादातर समय अपने लैपटॉप पर ही देता था। ई-टिकट, प्लेन व अन्य जगहों का ऑनलाइन काम भी करता था। कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिसमें ऑनलाइन दूसरे के बैंक खाते से राशि का ट्रांसफर भी किया गया है। इन सभी बिंदु पर जांच के लिए पटना से साइबर एक्सपर्ट की टीम को भी बुलाया गया है।
कई शहरों में रैकेट के सदस्य
पुलिस का कहना है कि कई शहरों में इस रैकेट के सदस्य छुपे हैं। वे किसी न किसी विभाग में काम कर रहे हैं। हालांकि अभी तक संतोष के अलावा अतरदह इलाके के रिटायर्ड शिक्षक के पुत्र रविरंजन उर्फ रितुराज को ही पुलिस गिरफ्तार कर पाई है।
पटना व भागलपुर में छापेमारी
इन सभी से पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों की तलाश में भागलपुर, पटना, रांची, इलाहाबाद व दिल्ली समेत कई शहरों की पुलिस से संपर्क स्थापित कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। सदर पुलिस की मानें तो पटना व भागलपुर में भी पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। इस दौरान कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है।
बैंक खातों को फ्रिज की कवायद
इस खेल में भले ही करोड़ों रुपये कमाने की बात सामने आई है, लेकिन संतोष के पास से जितने बैंकों के पासबुक मिले हैं, उसमें राशि बहुत ही कम है। बहरहाल बैंक खाते का पूरा डिटेल्स निकाला जा रहा है। साथ ही संतोष के सभी खाते को फ्रिज करने की भी कवायद की जा रही है।
141 लोग सेटिंग से कर रहे नौकरी!
-शहर की कई लड़के व लड़कियों की नौकरी संकट में
-मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम भी जिला पुलिस की संपर्क में
-बैंकों के वरीय अधिकारियों से संपर्क कर ली जा रही जानकारी
-तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों पर पुलिस की कड़ी नजर
संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर :
उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों के 141 परीक्षार्थियों ने सेटिंग के तहत बैंकों की परीक्षा पास की। वे नौकरी भी कर रहे हैं। इनमें कई लड़कियां भी हैं। इसका खुलासा पूछताछ में हुआ है। इसके लिए स्कॉलर और सेटिंग करने वाले चार लाख में बंटवारा कर लेते थे। हालांकि जांच बाधित होने की वजह से आधिकारिक रूप से खुलासा नहीं किया जा रहा है।
इधर, इन सभी बातों की जानकारी मिलने के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम भी मुजफ्फरपुर पुलिस के संपर्क में है। कहा जा रहा है कि अधिकतर बैंकों का मुख्यालय मुंबई में है। इस कारण मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम भी इस मामले में रुचि ले रही है। कहा जा रहा है कि सेटिंग से नौकरी लेने वाले शहर के कई लड़के व लड़कियों की नौकरी पर संकट है।
लड़की की जगह लड़की स्कॉलर
दिल्ली से पहुंचने वाले स्कॉलर शिव शक्ति, परमानंद उर्फ बाबा समेत अन्य को भी सेटिंग की रकम में से हिस्सा दिया जाता था। महिला स्कॉलर के भी इसमें शामिल होने की बात सामने आई है। इधर, इस खेल में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले कई संस्थानों के बारे में भी जानकारी मिली है। जिनका संपर्क भी इस रैकेट से जुड़ा है।
अधिकारियों पर बढ़ रहा संदेह
विशेष पुलिस टीम बैंकों के वरीय अधिकारियों से तार जुड़ने की बात सामने आने पर संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क कर रही है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर बैंकों के वरीय अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है।
इंजीनिय¨रग व मेडिकल में भी तार
इंजीनिय¨रग व मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर इस रैकेट के माफिया ने काफी लोगों से ठगी की है। स्कॉलर उपलब्ध कराने के जरिए रैकेट का सरगना शिव शक्ति समेत अन्य ने करोड़ों रुपये कमाए हैं।